UP में अब तक 6.71 लाख कृषकों से 33.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया
Source : business.khaskhabar.com | May 25, 2021 | 

लखनऊ। यूपी में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच सूबे में गेहूं खरीद की
रफ्तार लगातार बढ़ रही है। अब तक खाद्यान्न उत्पादन 624.33 लाख मीट्रिक टन
हो चुका है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि
सरकार 6.71 लाख कृषकों से 33.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर चुकी है, जो
गतवर्ष से बहुत अधिक है। आधार आधारित खरीद और पीएफएमएस के माध्यम से 13.05
लाख किसानों को लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्षा की चेतावनी को
देखते हुए सरकार के निर्देश पर सभी क्रय केंद्रों पर रखे गेहूं को विधिवत
सुरक्षित करके रखा गया है, जिससे वर्षा के दौरान गेहूं खराब न हो सके।
कृषि
मंत्री ने कहा कि गेहूं खरीद में क्रांति लाते हुए पहली बार मंडियों में न
केवल अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया, बल्कि किसानों के लिये मंडियों में
पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के
सख्त निर्देश भी दिये। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल
कर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया। किसानों को उनके खेत के 10 किमी के
दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया।
गौरतलब
है कि किसानों को भुगतान के मामले में योगी सरकार ने पिछली सरकारों को
बहुत पीछे छोड़ दिया है। धान खरीद के मामले में भी योगी सरकार रोज नए
कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सरकार की नई-नई योजनाओं ने किसानों को मजबूत
बनाने का काम किया है। योगी सरकार ने चार साल में प्रदेश के किसानों को अब
तक सबसे अधिक भुगतान करके रिकार्ड बनाया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को गेहूं खरीद और उसके भंडारण
के संबंध में सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं बिना तौल भीग जाने
का आरोप लगाया जिसको, योगी सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। उत्तर
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कांग्रेस कमेटी के
अध्यक्ष का आरोप वास्तविकता से परे है। वर्षा की चेतावनी से सभी केंद्र
प्रभारियों को समय से अवगत करा दिया गया था, जिसके कारण क्रय केंद्रों पर
रखा हुआ गेहूं को विधिवत कवर करके रखा गया था और कहीं से भी गेहूं के खराब
होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। कृषि मंत्री ने यह भी साफ किया है कि
21 मई को सभी संभागीय खाद्य नियंत्रकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम
से समीक्षा की गई थी, जिसमें अवगत कराया गया कि उनके संभाग में किसी क्रय
केंद्र पर संग्रहित गेहूं वर्षा से भीगकर खराब नहीं हुआ।
कृषि
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की ओर यह आरोप लगाया गया है कि
डीएपी के दामों में बढ़ोतरी करने के साथ 5 किलोग्राम वजन की कटौती की गई
है जो बिल्कुल निराधार है।
कृषि मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने
अपने कार्य काल में अब तक गन्ना किसानों को 1,35,295.57 करोड़ रुपये का
रिकॉर्ड भुगतान किया है। पेराई सत्र 2019-20 में रुपए 35,898.85 करोड़,
2018-19 में रुपये 33,048.06 करोड़, 2017-18 के रुपये 35,440.91 करोड़ का
भुगतान किया जा चुका है। यूपी सरकार पूर्व की सरकार के कार्यकाल एवं पूर्व
पेराई सत्रों का रुपये 10,661.09 करोड़ बकाया भी गन्ना किसानों को भुगतान
कर चुकी है।
राज्य में योगी सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखते
हुए प्रति बोरी अनुदान 500 रुपये से बढ़ा कर 1200 रुपये कर दिया है। कृषि
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को अब रुपये 1200 प्रति बोरी
की कीमत पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।
कृषि
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली
और गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसानों को उनके अनाज के हर
दाने का भुगतान उनके खातों में मिलना शुरू हो गया। मंडियों में कोविड
प्रोटोकाल पालन कराया जा रहा है। (आईएएनएस)
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