सेज समीक्षा से उद्योग को नुकसान नहीं पहुंचेगा : सीतारमण
Source : business.khaskhabar.com | May 03, 2016 | 

नई दिल्ली। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) के लिए भूमि आवंटित करने में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होती और सेज नीति की नियमित अंतराल पर होने वाली समीक्षा से उद्योग को नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह जानकारी सोमवार को लोकसभा में दी गई।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रश्र काल के दौरान कहा, ‘‘भूमि राज्य की सूची में आती है। इसलिए सेज के लिए भूमि आवंटित करने का फैसला राज्य सरकार करती है। केंद्र कभी भूमि आवंटित नहीं करता।’’
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किरीट सोमैया तथा अन्य के सवालों के जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘‘सेज की समीक्षा वैसी ही होती है, जैसे किसी भी सरकारी नीति की होती है। समीक्षा का इस बात से कोई संबंध नहीं है कि इसे आगे जारी रखा जाएगा या बंद कर दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा, जिससे उद्योग को नुकसान पहुंचे।
एआईएडीएमके सदस्य के. कामराज के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘नीति पर मिली सूचनाओं और हितधारकों के सुझावों के आधार पर नीति और सेज के संचालन ढांचे की नियमित समीक्षा करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे सेज नीति के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जरूरी कदम उठाने में मदद मिलती है।’’
इससे पहले सौगत रॉय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण एक मुद्दा है, इसलिए राज्य सरकार सेज के लिए भूमि आवंटित नहीं करती है।
राय ने पूछा था, ‘‘क्या सरकार सेज खत्म करना चाहती है।’’
राय ने कहा, ‘‘सेज नीति में कहा गया है कि उपजाऊ भूमि का सेज के लिए अधिग्रहण नहीं हो सकता। सिर्फ बंजर भूमि का ही अधिग्रहण हो सकता।’’
सीतारमण ने हालांकि कहा कि कभी-कभी एक फसली भूमि का भी सेज के लिए अधिग्रहण हो सकता है। (IANS)