बिहार में मोदी की हार से कोहराम, गिर कर संभला सेंसेक्स
Source : business.khaskhabar.com | Nov 09, 2015 | 

मुंबई।
बिहार में धुआंधार प्रचार के बावजूद बीजेपी नीत एनडीए को मिली करारी हार के बाद कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सेंसेक्स में जबरदस्त गिरावट देखी गई। हालांकि सत्र के आखिर में शेयर बाजार थोड़ा संभले। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 600 अंकों की गिरावट यानी 2 फीसदी कमजोरी के साथ 26000 के मनोवैज्ञानिक स्तर नीचे खुला था लेकिन दिन बीतते बीतते कारोबार संभला और शेयर बाजार में 500 अंकों की रिकवरी दिखाई और यह 143 अंक नीचे बंद हुआ। सुबह के मुकाबले निफ्टी में भी रिकवरी हुई और यह 7915 के स्तर पर जाकर बंद हुआ।
आज सुबह सेंसेक्स में आई गिरावट 30 सितंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। सुबह शुरुआती कारोबार में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 160 अंकों की गिरावट के साथ 7,790 तक पहुंच गया था।
सुबह से ही बीएसई के सभी इंडेक्स रेड जोन में कारोबार करते देखे गए। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप में भी गिरावट पर कारोबार होता रहा। दरअसल, बिहार में बीजेपी की जबरदस्त शिकस्त का सीधा सा अर्थ यह लगाया जा रहा है कि इससे केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर दबाब बनेगा और आर्थिक सुधारों को लागू करने में रोड़े आएंगे। यही कारण है कि आज यानी सोमवार को शेयर बाजारों में बिकवाली देखी गई।
रुपया भी टूटा...
वहीं, कारोबारी सप्ताह के पहले दिन रुपए में भी कमजोरी के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत हुई। रुपया 72 पैसे कमजोरी यानी 1 फीसदी गिरावट के साथ प्रति डॉलर 66.47 पर खुला। शुक्रवार को रुपया फ्लैट नोट पर यानी 65.75 पर बंद हुआ था। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, रुपए में यह कमजोरी बैंकों और आयातकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की मजबूत मांग के मद्देनजर आई। कारोबारियों ने कहा कि प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती के कारण रुपए पर दबाव पड़ा।
जानकार शेयर बाजारों पर बिहार में बीजेपी की शिकस्त का सीधा असर पहले ही प्रिडिक्ट कर चुके थे। लेकिन साथ ही ज्यादातर विश्लेषक मानते हैं कि सोमवार को भले ही तेज गिरावट का दौर चले लेकिन शेयर बाजार कुछ समय बाद संभल जाएगा।
नोमुरा के प्रभात अवस्थी के मुताबिक, मार्केट में करेक्शन स्थाय़ी नहीं है और यह एक प्रकार से निवेशकों के लिए खरीददारी करने का मौका है। हमें सरकार द्वारा किए जाने वाले रिफॉर्म्स की दिशा में कोई बदलाव फिलहाल नहीं दिखाई दे रहा है।
कारोबारियों का कहना है कि बीजेपी की इस बुरी तरह से हुई हार हैरतअंगेज है औऱ इसका सीधा असर स्टॉक मार्केट्स पर पड़ेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत हासिल की जबकि बीजेपी के खेमे में केवल 58 सीटें आई हैं। निवेशकों का कहना है कि दरअसल बिहार के जनादेश ने जीएसटी बिल जैसे कुछ और आर्थिक सुधारों को लागू करने की दिशा में अब सरकार पर राजनीतिक प्रेशर बढ़ाने का काम किया है।