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राकेश झुनझुनवाला का शेयर बाजार के 'बिग बुल' बनने का सफर

Source : business.khaskhabar.com | Aug 14, 2022 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rakesh jhunjhunwala journey to become the big bull of the stock market 522985मुंबई । टॉप ब्रोकर-निवेशक और हाल ही में लॉन्च हुई अकासा एयर के संस्थापक राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। झुनझुनवाला पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी रेखा और दो बच्चे हैं।

झुनझुनवाला को शेयर बाजार में अक्सर 'बिग बुल' के रूप में जाना जाता था। उन्होंने नई एयरलाइन कंपनी अकासा एयर में निवेश किया था। उन्होंने 7 अगस्त से अकासा की पहली कॉमर्शियल उड़ान को हरी झंडी दिखाई।

झुनझुनवाला की अनुमानित कुल संपत्ति 5.5 बिलियन डॉलर (जुलाई 2022 तक) थी, जिसने उन्हें भारत का 36वां सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया।

झुनझुनवाला हंगामा मीडिया और एप्टेक के अध्यक्ष होने के साथ-साथ वाइसरॉय होटल्स, कॉनकॉर्ड बायोटेक, प्रोवोग इंडिया और जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन भी थे।

वह मुंबई में पले-बढ़े, जहां उनके पिता एक आयकर अधिकारी के रूप में काम करते थे। 1985 में सिडेनहैम कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद, उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में एडमिशन लिया।

झुनझुनवाला ने 1985 में शेयर बाजार में 5,000 रुपये का निवेश किया जो सितंबर 2018 तक बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गया।

झुनझुनवाला अक्सर अपने पिता को दोस्तों के साथ निवेश के बारे में चर्चा करते हुए सुनते, जिसके चलते उनकी दिलचस्पी इक्विटी बाजार में होने लगी। उनके पिता ने उन्हें नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने के लिए कहा था।

झुनझुनवाला ने अपने भाई के क्लाइंट से पैसे उधार लिए थे, जब उन्होंने टाटा टी के 5,000 शेयर खरीदे। उन्होंने 1986 में बहुत बड़ा लाभ कमाया। उन्हें तीन गुना से अधिक लाभ हुआ। तीन साल में उन्होंने 20-25 लाख रुपये कमाए।

उसके बाद वह बाजार में एक सक्रिय निवेशक बने रहे।

अकासा एयर राकेश झुनझुनवाला और जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ विनय दुबे द्वारा सह-स्थापित एक भारतीय एयरलाइन है। एयरलाइन के पास वर्तमान में दो एयरक्राफ्ट हैं और 70 और विमानों के ऑर्डर दिए गए हैं और 9 अगस्त से तक तीन शहरों के लिए उड़ान भरती है।

2008 की वैश्विक मंदी के बाद, उनके शेयर की कीमतों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन अंत में वह 2012 तक नुकसान से उबर गए।

वर्ष 2020 तक, झुनझुनवाला ने अपनी संपत्ति का 25 प्रतिशत दान में देने की योजना बनाई। उन्होंने सेंट जूड में योगदान दिया, जो कैंसर से प्रभावित बच्चों के लिए शेल्टर चलाता है, अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन और अर्पण एक संस्था जो बच्चों में यौन शोषण के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल झुनझुनवाला और उनकी पत्नी से मुलाकात की थी।

पीएम मोदी ने कहा, राकेश झुनझुनवाला अदम्य साहसी थे। वह जीवन से भरपूर थे, मजाकिया और व्यावहारिक थे। राकेश अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं। वह भारत की प्रगति को लेकर हमेशा बात करते थे। उनका जाना दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।

--आईएएनएस

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