राधा मोहन ने ई-पशु हाट पोर्टल लांच किया
Source : business.khaskhabar.com | Nov 27, 2016 |
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने शनिवार को यहां राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर ई-पशु हाट पोर्टल (पशुहाट डॉट जीओवी डॉय इन) लांच किया।
इस अवसर पर केंद्रीय सिंह ने कहा, ‘‘देश में पहली बार राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन के अंतर्गत ई-पशुधन हाट पोर्टल स्थापित किया गया है। यह पोर्टल देशी नस्लों के लिए प्रजनकों और किसानों को जोडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पोर्टल के द्वारा किसानों को देशी नस्लों की नस्ल वार सूचना प्राप्त होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे किसान एवं प्रजनक देशी नस्ल की गाय एवं भैंसों को खरीद एवं बेच सकेंगे। देश में उपलब्ध जर्मप्लाज्म की सारी सूचना पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है, ताकि किसान इसका तुरंत लाभ उठा सकें। इस तरह का पोर्टल विकसित डेयरी देशों में भी उपलब्ध नहीं है। इस पोर्टल के द्वारा देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी।’’
कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में विश्व की सबसे बड़ी बोवाईन आबादी है। यहां 19.9 करोड़ गोपशु हैं, जो विश्व की गोपशु आबादी का 14 फीसदी है। यहां 10.5 करोड़ भैंसें हैं, जो विश्व की भैंस आबादी का 53 फीसदी है। 79 फीसदी गोपशु देशी हैं और 21 फीसदी विदेशी तथा वर्णसंकरित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गोपशु की 37 नस्लें तथा भैंसों की 13 नस्लें राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक स्रोत ब्यूरो (एनबीएजीआर) से मान्यता प्राप्त हैं। देशी बोवाइन नस्लें उष्मा साध्य हैं तथा रोग और चिचड़ा प्रतिरोधी है। यह प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में अच्छी तरह से रह लेती है। कुछ नस्लों में ईष्टतम पोषण तथा फार्म प्रबंधन परिस्थितियों में अत्यंत उत्पादक होने की क्षमता है।’’
भारत की बोवाइन आबादी छह करोड़ सीमांत, छोटे और मध्यम किसान परिवारों के पास है। इनके पास औसतन दो से तीन दुधारू पशुओं का झुंड है।
सिंह ने कहा, ‘‘डेयरी व्यवसाय किसानों के लिए अनुपूरक आय का एक प्रमुख स्रोत है। तथापि, भारतीय फार्म प्रबंधन प्रणाली विशिष्ट रूप से कम उत्पादकता के साथ कम आदान, कम उत्पादन प्रणाली है।’’
(आईएएनएस)