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फार्मा उद्योग 2.52 लाख करोड़ रुपये का हुआ

Source : business.khaskhabar.com | Apr 25, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 pharma industry has 252 lakh crore 31485नई दिल्ली। भारतीय फार्मा उद्योग में वृद्धि का दौर जारी है और यह 2,52,000 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है। देश में दवा उद्योग और फार्मा में विकास की संभावनाओं पर यहां आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में यह तथ्य सामने आया। संगोष्ठी में देश में फार्मास्युटिकल उद्योग के भविष्य और फार्मा शिक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

देश के अग्रणी स्वास्थ्य शोध संस्थान आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय ने देश में दवा उद्योग और फार्मा में विकास की संभावनाओं को देखते हुए ‘इंडस्ट्री एकेडेमिया इंटरेक्शन’ के रूप में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का आयोजन इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (आईपी-दिल्ली शाखा) के सहयोग से किया गया।

संगोष्ठी में कहा गया कि भारतीय फार्मा उद्योग में वृद्धि का दौर जारी है और यह 2,52,000 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है। मात्रा के लिहाज से दुनिया भर में तीसरे और मूल्य के लिहाज से 13वें स्थान पर है। इंडिया स्किल रिपोर्ट के अुनसार वर्ष 2016 में 21.05 प्रतिशत उम्मीदवारों के लिए फार्मा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार के अवसर होंगे।

फार्मा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लिंग विविधता का अनुपात 59 प्रतिशत पुरुषों और 41 प्रतिशत महिलाओं के रूप में होगा। वर्ष 2016 में फार्मा उद्योग में 1.30 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होने की संभावना। कहा गया कि अगले 5-10 वर्षों में पुराने रोग ज्यादा प्रभावी होंगे।

संगोष्ठी में ‘उभरते प्रबंधकीय अवसर और चुनौतियां’, ‘प्रतिभा प्रबंधन और रोजगार के अवसरों में तत्परता की दिशा में उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका’ और ‘फार्मा उद्योग में 2016.20 तक संभावित परिवर्तन’ जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

 रपट के अनुसार, देशभर में फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भर्ती की दर 25 प्रतिशत से भी ज्यादा है और इनमें 59 प्रतिशत पद पुरुषों द्वारा भरे गए हैं, जबकि 41 प्रतिशत स्थान महिलाओं को मिले हैं।

 मेकइनइंडिया डॉट कॉम के अनुसार, भारतीय औषधि उद्योग दुनिया का छठा सबसे बड़ा उद्योग है और 2020 तक यह तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। इन सब कारणों से साफ लगता है कि देश में दवा उद्योग में पेशेवर लोगों की जरूरत भी तेजी से बढ़ेगी।

इंडिया स्किल्स रिपोर्ट, 2016 के अनुसार, वर्ष 2015 में देश में रोजगार पाने वाले लोगों में 40.62 प्रतिशत उम्मीदवार बी. फार्मा डिग्री प्राप्त हैं, जबकि 35.24 प्रतिशत उम्मीदवार बी.एससी. पास हैं और 20.58 प्रतिशत ने बी. कॉम. किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, 21.05 प्रतिशत उम्मीदवारों को फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रबंधन पदों पर काम पर रखा जाएगा।

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, डॉ. एस. डी. गुप्ता ने शिक्षाविदों और उद्योग के बीच भागीदारी सुनिश्चिचत करने पर जोर दिया और एक सपोर्ट सिस्टम विकसित करने की बात कही। उन्होंने स्नातक स्तर पर छात्रों को उनके हित और उनकी दिलचस्पी के अनुरूप ही तैयार करने का सुझाव फार्मा उद्योग को दिया।

भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ. जी. एन. सिंह और आईपीए, दिल्ली शाखा के अध्यक्ष प्रो. रूप के. धर इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
(IANS)