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कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत : ICRIER

Source : business.khaskhabar.com | Aug 24, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 need to enhance organic farming  icrier 249585नई दिल्ली। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध शोध परिषद (आईसीआरआईईआर) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में देश के कार्बनिक खेती को विस्तार देने पर बल दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्यान्न उत्पादन में कार्बनिक विधि को मजबूती प्रदान करने के लिए एक समयबद्ध कार्यनीति का निर्माण करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दिशा में एक व्यापक नीति/दिशा-निर्देश के माध्यम से समान मानक स्थापित करने और व्यापारियों द्वारा धोखाधड़ी से बचने के लिए लेबलिंग की जरूरत, लोगो और सजा का का स्पष्ट प्रावधान करने की तत्काल जरूरत है।

घरेलू बाजार में कार्बनिक खेती के लिए कोई दिशा-निदेर्शो न होने के कारण धोखाधड़ी व दूसरे तरह के अपराध मौजूद हैं - जैसे कार्बनिक के नाम पर अकार्बनिक उत्पादों को बेचना। अपराधों के विरुद्ध दंड का प्रावधान न होने से स्थिति और खराब हुई है। यह रिपोर्ट कार्बनिक क्षेत्र के लिए एक सिंगल नोडल एजेंसी की स्थापना करने की त्वरित जरूरत पर भी चर्चा करती है।

इस सर्वे में शामिल ज्यादातर कंपनियों ने एकमत होकर भारत में कार्बनिक उत्पादों के लिए मानकों का विकास करने और इसके अभ्यासों को निगमित करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा पर सहमित जताई। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कार्बनिक क्षेत्र के अवसरों और चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि किसानों व उत्पादों को वैश्विक मानकों का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा, भारत में कृषि परंपरा उत्तम है और ऐसे कई क्षेत्र हैं जो कार्बनिक खेती के लिए उत्कृष्ट हैं। सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में यह अच्छी तरह हो रहा है। हमें भारत के पूर्वी क्षेत्र में कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। भारत में कार्बनिक उत्पादों के प्रचार पर जोर देते हुए कांत ने कहा, कार्बनिक बीजों के उत्पादन के लिए ज्यादा निवेश की जरूरत है। कुछ किसानों ने आदर्श पेश करते हुए कार्बनिक खेती में सफलता हासिल की है।

हमें सफलता की कहानियों को प्रचारित करने की जरूरत है। कांत ने कहा, एक बार जब कार्बनिक खेती करने वाले किसानों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हो जाए, उसके बाद हमें मार्केटिंग व अन्य क्षेत्रों में उनकी मदद करने की जरूरत होगी। इसके लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी की भी जरूरत है। भारत में मंडी मॉडल कार्बनिक किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि कार्बनिक उत्पादों को उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचाने की जरूरत है।

ग्रामीण स्तर पर ग्रीन शॉप किसानों तक सीधे पहुंचने में मदद करेगी। एफएसएसएआई के अध्यक्ष आशीष बहुगुणा ने कहा, कृषि क्षेत्र में मुख्य चुनौती मिट्टी के पोषक तत्वों की सुरक्षा करना है जो बढ़ी तेजी से कम हो रहे हैं। हमें मिट्टी के महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को फिर से संग्रहित करने की जरूरत है और इसमें कार्बनिक खेती महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

बहुगुणा ने कहा, भारत में निर्यात के लिए मौजूद मानकों के अलावा हमारे पास अब भी सहयोग करने वाले पर्याप्त विनियम नहीं हैं। असली कार्बनिक उत्पाद पाने के लिए हमें किसानों, संसाधकों व उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को खत्म करने की जरूरत है।

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