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भारतीय ऑटो बाजार: दोगुनी रफ्तार से बिक रही पुरानी कारें, इस साल 60 लाख यूनिट पार होने की उम्मीद

Source : business.khaskhabar.com | July 12, 2025 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 indian auto market used cars are being sold at double the speed expected to cross 60 lakh units this year 735865मुंबई। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पुरानी कारों का बाजार इस वित्तीय वर्ष में 60 लाख यूनिट की बिक्री का आंकड़ा पार कर सकता है, जो खरीदारों के व्यवहार में एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है। 
क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पुरानी कारों की बिक्री 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो नई कारों की बिक्री की वृद्धि दर से दोगुनी से भी अधिक है। इस बढ़ती लोकप्रियता का नतीजा यह है कि पुरानी और नई कारों की बिक्री का अनुपात इस साल 1.4 तक पहुंच गया है, जबकि पांच साल पहले यह 1 से भी कम था। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारतीय ग्राहक अब कीमत के साथ-साथ सुविधा और तुरंत उपलब्धता को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। 
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि यह बढ़ता अनुपात खरीदारों की प्राथमिकताओं में एक स्थायी बदलाव का संकेत है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पुरानी कारों का अनुमानित बाजार मूल्य अब लगभग 4 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो देश में नई कारों की कुल बिक्री के मूल्य के लगभग बराबर है। इस बदलाव के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। 
पहला, ओएलएक्स ऑटोस, कारदेखो, कार्स24 और स्पिनवील्स जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने बाजार में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाया है। ये प्लेटफॉर्म वाहनों के गहन निरीक्षण से लेकर घर-घर डिलीवरी तक की सेवाएं दे रहे हैं। दूसरा, नई कारों की डिलीवरी में देरी, जो कि वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर और रेयर अर्थ मिनरल की कमी के कारण हो रही है, ने कई खरीदारों को तुरंत विकल्प के रूप में पुरानी कारों की ओर रुख करने के लिए मजबूर किया है। इसके अलावा, पुरानी कारों की खरीद के लिए फाइनेंस की उपलब्धता भी बढ़ी है, जिससे ग्राहकों के लिए इन्हें खरीदना आसान हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पुरानी कारों की औसत आयु भी अब घटकर लगभग 3.7 वर्ष तक पहुंचने की उम्मीद है, जो दिखाता है कि लोग तेजी से अपने वाहनों को अपग्रेड कर रहे हैं। 
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय ने बताया कि इस क्षेत्र की कंपनियां लागत पर दबाव के बावजूद, एकीकृत सेवाएं जैसे निरीक्षण, बीमा और फाइनेंसिंग की पेशकश कर रही हैं, जिससे लंबे समय में उनके मुनाफे में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि लागत नियंत्रण और निरंतर मांग के साथ, इस क्षेत्र की अधिकांश कंपनियों के जल्द ही परिचालन स्तर पर लाभदायक होने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए एक नया अध्याय खोलती है, जहां पुरानी कारों का दबदबा बढ़ता जा रहा है।

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