नई डिजिटल दिशा : युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग में दक्ष बनाने की पहल, एनआईआईटी फाउंडेशन और यूनिसेफ का साझा प्रयास
Source : business.khaskhabar.com | July 10, 2025 | 

नई दिल्ली। बदलते समय के साथ भारत की अर्थव्यवस्था डिजिटल हो रही है और अब जब भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, तो यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में देश की प्रगति का इंजन यहां की युवा जनसंख्या होगी। ऐसे में युवाओं को समयानुकूल और बाज़ार की मांग के अनुसार कौशल सिखाना बेहद ज़रूरी हो गया है।
यही सोच लेकर एनआईआईटी फाउंडेशन, यूनिसेफ और युवाह ने मिलकर ‘नई डिजिटल दिशा’ (#NayiDigitalDisha) नामक एक नई पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत डिजिटल मार्केटिंग का एक ओपन ऑनलाइन कोर्स लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को डिजिटल कौशल से लैस कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है।
यह कोर्स विशेष रूप से उन युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है जो आर्थिक या सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमियों से आते हैं और जिन्हें बेहतर डिजिटल शिक्षा की सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हो पातीं। फिलहाल यह कोर्स राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में संचालित हो रहा है, और इसकी अवधि आठ हफ्ते तय की गई है।
कोर्स के माध्यम से युवाओं को इंटरनेट और सोशल मीडिया के ज़रिए मार्केटिंग के आधुनिक तरीके सिखाए जाएंगे। प्रतिभागी यह जान पाएंगे कि डिजिटल माध्यमों से किसी ब्रांड या उत्पाद का प्रचार कैसे किया जाता है, उपभोक्ताओं तक कैसे पहुंचा जाता है, और वे अपने पेशेवर कौशल को किस प्रकार निखार सकते हैं।
इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों को एनआईआईटी फाउंडेशन, यूनिसेफ-युवाह, एनएसडीसी और एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरी तलाशने में मददगार होगा।
इस पहल के पीछे वर्षों का अनुभव और उद्योग विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी रही है। एनआईआईटी फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर चारु कपूर का कहना है, “यह कार्यक्रम भारत के युवाओं को असली डिजिटल स्किल्स से लैस करेगा, जिससे वे टेक्नोलॉजी से भरी दुनिया में आगे बढ़ सकें। हम चाहते हैं कि हर युवा के पास अवसर हो, चाहे वह किसी भी समुदाय या क्षेत्र से आता हो।”
कोर्स के प्रारंभिक परिणाम भी उत्साहजनक रहे हैं। राजस्थान की भाव्या यादव बताती हैं, “इस ओपन ऑनलाइन कोर्स से जुड़ने से पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि डिजिटल मार्केटिंग भी मेरे लिए एक करियर बन सकता है। इस ट्रेनिंग की मदद से मुझे जस्ट डायल और एकॉर्ड इंटरनेशनल जैसी कंपनियों में नौकरी मिली।” भाव्या की यह सफलता इस कार्यक्रम की सामाजिक उपयोगिता और प्रासंगिकता को प्रमाणित करती है।
नई डिजिटल दिशा का लक्ष्य न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ाना है, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास और स्वावलंबन को भी बढ़ावा देना है। एनआईआईटी फाउंडेशन का मानना है कि जब युवा सशक्त होंगे, तभी भारत अपने भविष्य की दिशा तय कर सकेगा।
यूनिसेफ के सहयोग से चल रही इस पहल के पीछे एक व्यापक दृष्टिकोण है। यूनिसेफ, जिसकी स्थापना 1947 में हुई थी, दुनिया भर के बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। भारत में यूनिसेफ शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और आपदा राहत जैसे अनेक क्षेत्रों में कार्यरत है।
युवाह, यूनिसेफ की एक प्रमुख पहल है जो भारत में जनरेशन अनलिमिटेड (GenU) कार्यक्रम के अंतर्गत काम करती है। इसका उद्देश्य है कि 2030 तक 10 करोड़ युवाओं को बेहतर रोजगार, करियर और नेतृत्व के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। युवाह को वर्ष 2019 में तत्कालीन महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लॉन्च किया था, और इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन भी प्राप्त है। प्रधानमंत्री ने युवाह को एक प्रेरणादायक पहल बताते हुए इसकी प्रशंसा पत्र के माध्यम से की है।
युवाह का फोकस न केवल शिक्षा या रोजगार पर है, बल्कि यह युवाओं को चेंजमेकर और लीडर बनाने के लिए भी प्रेरित करता है। इस प्लेटफॉर्म पर सरकार, प्राइवेट सेक्टर, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां, सामाजिक संस्थाएं, फाउंडेशन और खुद युवा मिलकर काम करते हैं।
एनआईआईटी फाउंडेशन, यूनिसेफ और युवाह की इस संयुक्त पहल ने यह दिखा दिया है कि यदि सही दिशा और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो भारत का युवा न केवल अपनी ज़िंदगी बदल सकता है, बल्कि देश के विकास में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
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