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मोबीक्विक 30 लाख विक्रेताओं को कैशलेस लेनदेन में सक्षम बनाएगी

Source : business.khaskhabar.com | Dec 16, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 mobikwik to help 30 lakh street vendors go digital 140967नई दिल्ली। पूरे भारत में 30 लाख से अधिक फुटपाथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (नासवी) ने गुरुवार को भारतीय मोबाइल वॉलेट दिग्गज मोबीक्विक के साथ समझौता करने की घोषणा की। यह पहल भारत को कैशलेस बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप है।

नासवी के संस्थापक अरबिंद सिंह ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद से छोटे विक्रेताओं की आजीविका काफी हद तक प्रभावित हुई है। मोबीक्विक के साथ यह भागीदारी इन विक्रेताओं को नकदी किल्लत के समय में मददगार साबित होगी। इससे उनके लिए ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलेगी और वे आसानी से भुगतान प्राप्त कर अपने व्यवसाय को सुचारू ढंग से बरकरार रख सकेंगे।’’

सिंह ने कहा, ‘‘नोटबंदी की वजह से पूरे भारत में फुटपाथ विक्रेता अपना 70 प्रतिशत व्यवसाय खो चुके हैं और इससे उन पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसलिए नासवी इसका समाधान निकालने और उन्हें कैशलेस इकोनोमी के बारे में अवगत कराने के लिए मोबीक्विक के साथ आगे आई है।’’

मोबीक्विक की सह-संस्थापक उपासना टाकू ने इस भागीदारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘अपने ‘देश के लिए, देश का वॉलेट’ मंत्र पर कायम रहते हुए हम भारत और इंडिया के बीच अंतर को पाटने के लिए सॉल्युशन विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। इसलिए हमारे लिए यह भागीदारी फुटपाथ विक्रेताओं को मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके जरिये हम उन्हें ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने के लिए उपलब्ध विभिन्न ई-भुगतान विकल्पों के बारे में समझा कर उनकी मदद करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम विक्रेताओं को डिजिटली तौर पर लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए 3 महीने में 10 लाख फुटपाथ विक्रेताओं को प्रशिक्षित करेंगे। मोबीक्विक भुगतान पर जल्द ही 25 राज्यों में 30 लाख फुटपाथ विक्रेताओं द्वारा अमल किया जाएगा।’’

मोबीक्विक नि:शुल्क बैंक ट्रांसफर की घोषणा करने वाली पहली कंपनी भी रही है जिससे लाखों विक्रेताओं और खरीदारों को कैशलेस लेनदेन को प्रेरित किया है। ई-वॉलेट कंपनी ने अपने पोर्टल पर कुल ट्रैफिक में 100 गुना की वृद्धि और एप डाउनलोडिंग में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
(आईएएनएस)