केलकर समिति बाजार आधारित गैस मूल्य के पक्ष में
Source : business.khaskhabar.com | Aug 29, 2014 | 

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव विजय केलकर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए बाजार आधारित मूल्य की सिफारिश की है। समिति का गठन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने किया था। समिति से एक योजना सुझाने के लिए कहा गया था कि किस तरह से 2030 तक हाइड्रोकार्बन आयात पर देश की निर्भरता घटाई जा सकती है। समिति ने पेट्रोलियम मंत्रालय को भेजे परामर्श दस्तावेज में सलाह दी है कि प्राकृतिक गैस का मूल्य बाजार आधारित होना चाहिए ताकि नई उत्खनन और उत्पादन गतिविधियों का संचालन आकर्षक रहे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि केलकर समिति ने दस्तावेज के विभिन्न पहलुओं पर संबंधित पक्षों की राय आमंत्रित की है। दस्तावेज में कहा गया है,प्राकृतिक गैस की कीमत बाजार आधारित मूल्य निर्धारण व्यवस्था के आधार पर बाजार में अधिकतम होनी चाहिए। इससे घरेलू उत्खनन और उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा, संसाधनों का समुचित उपयोग होगा और आयात खर्च घटेगा और इसके कारण देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
ऊंची गैस कीमत का बिजली और ऊर्वरक क्षेत्र पर पडने वाले प्रभाव के बारे में दस्तावेज में कहा गया है,किसी भी उपभोक्ता को कृत्रिम रूप से कम कीमत पर प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करना अनुचित होगा। प्राथमिकता वाले क्षेत्र को सरकार से सहायता मिल सकती है क्योंकि सरकार को ऊंचे मूल्य के कारण अधिक कर,रॉयल्टी और लाभ मिलेंगे।
बतादें, एनडीए सरकार ने भी इस मामले में पिछले दिनों चार सदस्यीय सचिव समिति का गठन किया है। इस समिति की सोमवार को हुई बैठक में कंपनियों ने ऊंची कीमत रखने का आग्रह किया ताकि इससे संबंधित उत्खनन और उत्पादन गतिविधयां आकर्षक बनी रहे। रंगराजन समिति की सिफारिश के मुताबिक गैस मूल्य एक अप्रैल से लगभग दोगुना बढकर 8.4 डॉलर प्रति यूनिट हो जाना था। गत 25 जून को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रंगराजन समिति के फार्मूले को 30 सितंबर तक स्थगित करने और एक अक्टूबर तक नई व्यवस्था तय करने का फैसला किया है।