जेटली को अगले वित्त वर्ष में जीएसटी लागू होने का भरोसा
Source : business.khaskhabar.com | Sep 21, 2015 | 

हांगकांग। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को विश्वास व्यक्त किया कि प्रत्यक्ष कर से संबंधित मुद्दों पर विवाद के बाद भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2016-17 से लागू हो जाएगी। जेटली ने सिंगापुर और हांगकांग की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे प़डाव पर यहां संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस नई कर व्यवस्था में देरी करने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बात याद रखना चाहिए कि यह लेन-देन पर लगने वाला कर है, आयकर नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद के अगले सत्र में जीएसटी के राज्यसभा में पारित हो जाने की उम्मीद है। जेटली ने हालांकि कहा कि इसे एक अप्रैल, 2016 से ही लागू करना जरूरी नहीं है।
चूंकि यह लेन-देन पर लगने वाला कर है, इसलिए इसे किसी भी महीने की प्रथम तारीख से लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा,इसे किसी भी महीने की प्रथम तारीख से लागू किया जा सकता है। एक अप्रैल से अधिक विलंब होने का मतलब यह नहीं है कि यह उससे अगले वर्ष के एक अप्रैल से लागू होगा। ऎसा सिर्फ आयकर के मामले में होता है। पिछली तिथि के प्रभाव से लागू होने वाले कर और न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के मुद्दे पर उन्होंने कहा,भविष्य के लिए यह समाप्त किया जा चुका है। हस्तांतरण मूल्यांकन सुलझाया जा चुका है। ऎसा नहीं है कि हम इस पर सिर्फ बात कर रहे हैं।
हम काम भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई और वित्तीय घाटा जैसे आर्थिक आंक़डे सकारात्मक दायरे में हैं और विकास दर गत वर्ष की 7.3 फीसदी से बेहतर रहेगी। एपीआईसी-इंडिया कैपिटल मार्केट्स एंड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स समिट के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा,गत वर्ष हमारी विकास दर 7.3 फीसदी रही। मुझे उम्मीद है कि हम इसे पीछे छोड सकते हैं। चीन की सुस्ती पर उन्होंने कहा कि इससे शेयर बाजार पर प्रभाव प़डेगा।
उन्होंने कहा, चीन की मुद्रा में किसी भी बदलाव का असर मुद्रा बाजार पर पडेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में चीन से होने वाले निवेश का स्वागत है। उन्होंने कहा कि महंगी पूंजी से कई क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं और घरेलू निजी क्षेत्र से कम निवेश हो रहा है। जेटली ने कहा,पूंजी की लागत अब भी काफी अधिक है। इसलिए यह अवसंरचना और विनिर्माण को प्रभावित कर रहा है।
रियल्टी क्षेत्र पर इसका प्रभाव महसूस किया जा सकता है, जो देश में विकास का एक महत्वपूर्ण इंजन है। जेटली इस यात्रा में देश के लिए निवेश जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विवाद निपटान प्रक्रिया तेज करने के लिए सरकार ने एक नया कानून तैयार किया है, जिससे विवाद छह महीने में मध्यस्थता प्रक्रिया से सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा,व्यापार की सुविधा पर अब भी काम जारी है। काफी कुछ किया जाना है। निश्चित रूप से इस पर अनवरत काम करना होगा।
(आईएएनएस)