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जीएसटी अगले वर्ष से लागू होने का भरोसा: जेटली

Source : business.khaskhabar.com | Apr 22, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 jaitely hopeful of GST implementation from next fiscalनई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को विश्वास जताया कि एक अप्रैल, 2016 से पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू हो जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य सरकारें आम तौर पर इसके फायदों को समझने लगी हैं। जेटली ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हम एक ऎसी योजना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे के सहारे, जिसका निर्माण कर लिया गया है, हम एक अप्रैल, 2016 को इसे लागू करने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। अभी की स्थिति के मुताबिक हम इसे लेकर काफी आशावान हैं। राज्य जीएसटी के फायदों को देख पा रहे हैं।

राज्य और केंद्र एक ही दिशा में आगे बढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी से पूरा देश एक समग्र बाजार बन जाएगा। वह वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के नए अध्यक्ष केरल के वित्त मंत्री केएम मणि की अध्यक्षता में पहली बार इस समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जेटली ने कहा, हम संसद के मौजूदा सत्र में ही संविधान संशोधन का काम करेंगे। उसके बाद अधिकार प्राप्त समूह तीन अन्य विधेयकों का निर्माण करेगा। यह समूह उप समूहों की सलाहों पर भी गौर करेगा। जेटली ने कहा कि चूंकि यह विधेयक संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए इसे दोनों सदनों में दो-तिहाई मत से पारित कराने की जरूरत है। उनकी पार्टी विपक्ष से इसे पारित करने में मदद करने का अनुरोध कर रही है।

कोई भी राज्य विरोध पर नहीं अडा...


इससे पहले मणि ने संवाददाताओं से यहां कहा था कि कोई भी राज्य इसका विरोध करने पर अडा हुआ नहीं है और अगले साल के अप्रैल से इसे लागू करने को लेकर सहमति बनने की पूरी संभावना है। केंद्रीय बिक्री कर को चार फीसदी से घटकर दो फीसदी किए जाने के कारण 2010-11 से तीन साल तक की अवधि में राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत महीने राज्यों को भुगतान किए जाने की मंजूरी दे दी है। कानून बनने के लिए जीएसटी विधेयक को संसद के दोनों सदनों के दो-तिहाई बहुमत से पारित किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही देश के आधे राज्यों की विधानसभा द्वारा भी इसे पारित किया जाना जरूरी है।

राज्य चाहते हैं पेट्रोल,शराब, तंबाकू का टैक्स...

 सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 33 हजार करोड रूपये दिए जा सकते हैं। राज्यों की मांग है कि पेट्रोलियम, शराब और तंबाकू को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए। जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और बिक्री कर जैसे अधिकतर अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे और पूरा देश एक समग्र बाजार बन जाएगा। इससे कंपनियों को देश में अपना कारोबार फैलाने में सुविधा होगी और इससे महंगाई भी कम होगी।