भारतीय दोपहिया वाहन उद्योग कोविड के बाद तेज रिकवरी, FY26 में रिकॉर्ड छूने की उम्मीद
Source : business.khaskhabar.com | Apr 26, 2025 | 
जयपुर। भारतीय दोपहिया वाहन उद्योग कोविड-19 महामारी के बाद अब तेजी से सुधार की राह पर है, और 2025 में ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़ती मांग, उपभोक्ताओं के विश्वास में सुधार और आकर्षक वित्तीय योजनाओं के चलते यह खंड अपने पिछले उच्चतम स्तर की ओर अग्रसर है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में इस क्षेत्र ने 9.1% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, और अनुमान है कि आगामी वित्त वर्ष 2026 में यह प्री-कोविड वित्त वर्ष 2019 के रिकॉर्ड को भी पार कर जाएगा। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता और सरकार के प्रोत्साहन इस उद्योग को और मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
SIAM के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 1,96,07,332 यूनिट्स रही, जिसमें स्कूटरों की बिक्री में 17.4% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई, जो 68,53,214 यूनिट्स तक पहुंच गई। वहीं, मोटरसाइकिलों की बिक्री में भी 5.1% का इजाफा हुआ और यह 1,22,52,305 यूनिट्स तक पहुंच गई। मोपेड्स की बिक्री में भी 4.2% की वृद्धि देखी गई, जो 5,01,813 यूनिट्स रही। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों ने भी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है और वित्त वर्ष 2025 में कुल थोक बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 6% से अधिक रही है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और बाजार में हो रहे बदलाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
SIAM के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में वृद्धि और उपभोक्ताओं के विश्वास की वापसी ने इस खंड की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष रूप से स्कूटर खंड में बेहतर कनेक्टिविटी और नए मॉडलों की उपलब्धता ने विकास को और गति दी है। वित्त वर्ष 2019 में भारत में दोपहिया वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री 2,11,79,847 यूनिट्स थी, और अब विशेषज्ञ उम्मीद जता रहे हैं कि वित्त वर्ष 2026 तक यह आंकड़ा फिर से हासिल किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में दोपहिया खंड वित्त वर्ष 2025 की विकास गति को बनाए रखेगा, और नई श्रेणियों में भी डबल डिजिट की वृद्धि देखने को मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा लाए गए नए आयकर सुधारों से शहरी क्षेत्रों में प्रीमियम दोपहिया वाहनों की मांग में वृद्धि होने की संभावना है। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को दिए जा रहे प्रोत्साहन से इस क्षेत्र में और भी तेजी देखने को मिलेगी।
हालांकि, उच्च ईंधन कीमतों और आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, उद्योग को कुछ अल्पकालिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी, प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां जैसे होंडा, सुजुकी, हीरो और टीवीएस नए इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करके इस खंड को और मजबूत करने की योजना बना रही हैं। नए स्टार्टअप्स जैसे ओला, एथर और अल्ट्रावायलेट भी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के नए मॉडल पेश करेंगे, जिससे बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
[@ इस मंत्र से पूजें गणेश,बन जाएंगे बिगडे काम]
[@ कछुआ से लाए घर में ढेर सारी सुख और समृद्धि]
[@ यहां सिर्फ एक बच्ची के लिए रोज आती है ट्रेन ]