भारतीय रेस्तरां सेक्टर ने पैदा किया 58 लाख रोजगार
Source : business.khaskhabar.com | July 21, 2016 | 

नई दिल्ली। देश में खान-पान सेवाओं का बाजार आज करीब 3,09,110 करोड़ रुपये का है और 2013 से इसने 7.7 प्रतिशत की दर से विकास किया है। वर्ष 2021 तक इसे 10 प्रतिशत सीएजीआर की दर से विकास कर 4,98,130 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
नीति अयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय रेस्तरां एसोसिएशन (एनएआरआई) की ओर तैयार की गई ‘एनआरएआई फूड सर्विसेज रिपोर्ट 2016’ जारी किया गया। एनआरआईए द्वारा कराए गए और टैक्नोपैक द्वारा संकलित, एनआरएआई आईएफएसआर 2016 भारतीय खान-पान सेवा क्षेत्र की एकमात्र और सर्वाधिक व्यापक ट्रेड रिपोर्ट है।
अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘इस उद्योग के बाजार का कुल आकार करीब 48 अरब डॉलर होने का अनुमान है। एनआरएआई इंडिया फूड सर्विसेज रिपोर्ट 2016 को जारी करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो उद्योग के लिए एक दस्तावेज है।’’
इस अवसर पर एनआरएआई के अध्यक्ष रियाज अमलानी ने कहा, ‘‘खान-पान सेवाओं का बाजार आज करीब 3,09,110 करोड़ रुपये का है और 2013 में हमारी पिछली रिपोर्ट के जारी होने के बाद से यह 7.7 प्रतिशत की दर से विकास किया है। वर्ष 2021 तक इसे 10 प्रतिशत सीएजीआर की दर से विकास कर 4,98,130 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इस साल अकेले भारतीय रेस्टोरेंट क्षेत्र ने प्रत्यक्ष तौर पर 58 लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन किया है और कर के मद में भारतीय अर्थव्यवस्था में 22,400 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।’’
एनआरएआई के पूर्व अध्यक्ष और ट्रस्टी समीर कुकरेजा ने कहा, ‘‘खान-पान सेवा उद्योग पर एनआरएआई का तीसरा शोध एक समग्र रिपोर्ट है, जिसमें विभिन्न कंपनियों के साथ संवाद परक बातचीत, 50 से ज्यादा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठकें, भारत के 20 शहरों में 2000 लोगों के बीच ग्राहक शोध और रेस्टोरेंट्स के ट्रेड गहन अनुसंधान के नतीजों को शामिल किया गया है।’’
इस रिपोर्ट में अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और यूएई सहित 9 देशों में अंतरराष्ट्रीय बाजार की संभावनाओं को टटोला गया है। इस रिपोर्ट में उद्योग में पीई/वीसी वित्तपोशण और डिजिटल/सोशल मीडिया मार्केटिंग को शामिल किया गया है।’’
एनआरएआई आईएफएसआर 2016 के मुताबिक, वर्ष 2021 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अकेले रेस्तरां उद्योग का कुल योगदान 2.1 प्रतिशत होने का अनुमान है। (IANS)