भारतीय ऑटो सेक्टर ने Q1 2025 में 1.5 बिलियन डॉलर के सौदे किए दर्ज
Source : business.khaskhabar.com | Apr 17, 2025 | 
नई दिल्ली। भारत के ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर ने इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में कुल 1.5 बिलियन डॉलर मूल्य के 29 सौदे दर्ज किए हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आईपीओ और क्यूआईपी को छोड़कर, इस क्षेत्र ने सौदों की मात्रा में पिछली तिमाही (Q4 2024) के 28 सौदों से 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 35 सौदे किए।
वहीं, मूल्य के संदर्भ में 191 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जो 509 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.4 बिलियन डॉलर हो गई।
इस वृद्धि का मुख्य कारण रणनीतिक और वित्तीय निवेश रहे, जिसमें एक बिलियन डॉलर का एक बड़ा निजी इक्विटी सौदा और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), ऑटोटेक और मोबिलिटी ऐज अ सर्विस (एमएएएस) जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेशकों की बढ़ती रुचि शामिल है। एक बिलियन डॉलर के एकल सौदे और 50 मिलियन डॉलर से अधिक के तीन अन्य उच्च-मूल्य वाले सौदों की उपस्थिति ने निवेशकों के बीच इस क्षेत्र के निरंतर आकर्षण को दर्शाया है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और ऑटो इंडस्ट्री लीडर साकेत मेहरा ने कहा कि भारतीय ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसका मुख्य आधार विद्युतीकरण, डिजिटल इंटीग्रेशन और स्थिरता पर बढ़ता ध्यान है। वैश्विक व्यापार गतिशीलता और सप्लाई चेन की चुनौतियों के बावजूद, निवेशकों का मजबूत विश्वास बना हुआ है, जो पिछली तिमाही में सौदों की मात्रा और मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि से स्पष्ट है। उन्होंने भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार, रणनीतिक साझेदारी और ईवी, ऑटो कंपोनेंट और अगली पीढ़ी के मोबिलिटी समाधान जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर में 2025 की पहली तिमाही में कुल 359 मिलियन डॉलर के 9 इनबाउंड और आउटबाउंड सौदे दर्ज किए गए, जो लगातार तीसरी तिमाही में वृद्धि दर्शाता है। इटली स्थित फोंटाना ग्रुपो द्वारा राइट टाइट फास्टनर्स में 115 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ 60 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण इनबाउंड गतिविधियों में सुधार का उदाहरण है, जबकि आउटबाउंड गतिविधियों में कमी देखी गई।
इस क्षेत्र में घरेलू सौदों का प्रभुत्व रहा, जिनका औसत सौदा आकार पिछली तिमाही के 5 मिलियन डॉलर से बढ़कर 31 मिलियन डॉलर हो गया।
2025 की पहली तिमाही में भारतीय ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर में निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल गतिविधियों में भी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें कुल 1.12 बिलियन डॉलर के 19 सौदे हुए। यह पिछली तिमाही की तुलना में डील वैल्यू में छह गुना (500 प्रतिशत) और वॉल्यूम में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो इस क्षेत्र में निवेशकों की सक्रिय भागीदारी को इंगित करता है।
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