"भारत 200 देशों को औषधि निर्यात लेकिन आयात के लिए चीन पर निर्भर"
Source : business.khaskhabar.com | July 05, 2014 | 

नई दिल्ली। भारत से एक तरफ जहां 200 देशों को दवाओं का निर्यात किया जा रहा है वहीं बहुत कम को यह पता है कि भारत खुद जरूरी और बडी मात्रा में आपूर्ति की जाने वाली दवाओं के लिए चीन पर निर्भर है। इससे भारत के एक भरोसेमंद दवा निर्यातक की पहचान पर खतरा बना हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। "भारत में औषधि क्षेत्र : चुनौतियां और आगे के लिए सुझाव" में औषधि क्षेत्र का व्यापक अध्ययन किया गया है।
एसोचैम दवा एवं औषधि क्षेत्र की राष्ट्रीय परिषद के सह-अध्यक्ष उमंग चतुर्वेदी और एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने इस अध्ययन रिपोर्ट को जारी किया। इसमें कहा गया है कि भारतीय औषधि उद्योग के समक्ष एक सबसे बडी चुनौती यह बन रही है कि कुछ सक्रिय औषधि अवयवों (एपीआई) की उसकी घरेलू विनिर्माण क्षमता कम होती जा रही है, इस क्षेत्र में भारत पिछड रहा है। कई भारतीय औषधि कंपनियां औषध निर्माण की मूल्य श्रृंखला में मूल्य वर्धित उत्पादों पर ज्यादा ध्यान देने लगी हैं जिनमें ज्यादा मार्जिन है।
ऎसे में कई आवश्यक और बडी मात्रा में जरूरी दवाओं के लिए उसकी आयात पर निर्भरता बढती जा रही है। अध्ययन में कहा गया है कि औषधि क्षेत्र में बडी मात्रा में आवश्यक दवाओं का बडा हिस्सा चीन से आयात किया जा रहा है। ऎसे में भारतीय औषधि उद्योग के लिये जोखिम बढता जा रहा है। चीन के साथ संबंधों में किसी भी तरह की खटा होने पर इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति गडबडा सकती है।