भारत का बढ़ता ऑटो एक्सपोर्ट: FY25 में 53 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात, नया हब बनने की ओर
Source : business.khaskhabar.com | Apr 21, 2025 | 
नई दिल्ली। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने वित्त वर्ष 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। ऑटो इंडस्ट्री की शीर्ष संस्था सियाम (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में भारत से कुल 53.63 लाख वाहनों का निर्यात हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 19% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।
यह उपलब्धि भारत को वैश्विक ऑटो निर्यात के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित कर रही है।
इस निर्यात में सबसे बड़ा योगदान पैसेंजर व्हीकल्स का रहा, जिनकी शिपमेंट में 15% की वृद्धि दर्ज की गई और यह 7.7 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई। विशेष रूप से, यूटिलिटी व्हीकल्स (SUVs) की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ी है, जिसका निर्यात 54% बढ़कर 3.62 लाख यूनिट्स हो गया है।
यह इंगित करता है कि भारतीय निर्मित एसयूवी अब वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं की पसंद बन रही हैं।
टू-व्हीलर सेगमेंट में भी भारत ने मजबूत प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2025 में 41.98 लाख दोपहिया वाहनों का निर्यात हुआ, जो साल-दर-साल 21% की उल्लेखनीय वृद्धि है। विश्लेषकों का मानना है कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजारों में भारतीय दोपहिया वाहनों की गुणवत्ता और किफायती कीमतों ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
थ्री-व्हीलर कैटेगरी में भी मामूली लेकिन स्थिर वृद्धि देखी गई, जिसमें लगभग 3.1 लाख यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2% अधिक है। कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसका निर्यात 23% बढ़कर 80,986 यूनिट्स तक पहुंच गया।
SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने इस उपलब्धि पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि भारत का वाहन निर्यात यह दर्शाता है कि देश अब न केवल किफायती वाहन बना रहा है, बल्कि गुणवत्ता और तकनीक के मामले में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से पैसेंजर व्हीकल्स और टू-व्हीलर सेगमेंट में हुई रिकवरी को सराहनीय बताया।
भारत का यह बढ़ता ऑटो एक्सपोर्ट वैश्विक बाजार में उसकी मजबूत होती मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं, प्रतिस्पर्धी कीमतों और सरकार की अनुकूल नीतियों का परिणाम है। 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है और उत्पादन को बढ़ावा दिया है। यह प्रदर्शन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत धीरे-धीरे ऑटो एक्सपोर्ट के एक नए हब के रूप में उभर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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