कार और बाइक को महंगी करने की तैयारी में कंपनियां
Source : business.khaskhabar.com | Nov 05, 2014 | 

नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल कंपनियां नौ महीने बाद दाम बढाने पर विचार कर रही हैं। उनका कहना है कि इनपुट कॉस्ट और ऊंचे लॉजिस्टिक्स चार्जेज बढने के कारण नौ महीने बाद प्राइस बढ पर विचार कर रही हैं, हालांकि कंपनियों का कहना है कि यह कदम हम डिमांड को ध्यान में रखकर ही बढाएंगे। ह्यूंदै मोटर इंडिया का कहना है कि वह अगले कुछ दिनों में कीमतें बढा देगी। मारूति सुजुकी और बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कंपनियां संभावित ग्राहकों पर कम से कम असर डालने वाली बढोतरी पर विचार कर रही हैं। कुछ कंपनियों ने पहले ही दाम बढा दिए हैं। टू-व्हीलर सेगमेंट की मार्केट लीडर हीरो मोटोकॉर्प ने कॉस्ट बढने की वजह से पिछले महीने बाइक और स्कूटर के प्राइसेज में 600 रूपए तक की बढोतरी की थी। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने भी प्राइज बढाई हैं। अन्य टू-व्हीलर कंपनियां भी जल्द इस दिशा में कदम उठा सकती हैं। दो वर्ष तक सेल्स में गिरावट के बाद सरकार ने डिमांड बढाने और इंडस्ट्री को पटरी पर लाने के मकसद से फरवरी में व्हीकल्स पर एक्साइज ड्यूटी 4-6 पसेंüट घटाई थी। इसके बाद से ऑटोमोबाइल कंपनियों ने प्राइसेज नहीं बढाई हैं। अब कंपनियों का कहना है कि उनके पास दाम बढाने के लिए कुछ गुंजाइश है।
इससे वे नई कारों पर बडे इनवेस्टमेंट की रिकवरी के साथ ही प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार कर सकेंगी। ह्यूंदै मोटर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग एंड सेल्स) राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि "हम अब दबाव महसूस कर रहे हैं क्योंकि पिछले कई महीनों से दाम नहीं बढाए गए हैं, जबकि डिस्काउंट पीक पर हैं। हमने इस वर्ष नई कारें भी लॉन्च की हैं और इसमें बडा इनवेस्टमेंट किया गया है जिसे रिकवर करने की जरूरत है।" कंपनियों का कहना है कि स्टील जैसे इनपुट की कॉस्ट महंगी होने की वजह से उन्हें प्राइसेज बढाने के लिए मजबूर होना पड रहा है। ह्युंडई मोटर, मारूति सुजुकी और होंडा कार जैसी ज्यादातर कंपनियां ऑटो-ग्रेड स्टील का दक्षिण कोरिया और जापान जैसे इंटरनेशनल मार्केट्स से इंपोर्ट करती हैं। ऊंचे डिस्काउंट और मुफ्त उपहारों की वजह से भी ऑटोमोबाइल कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड रहा है।
जुलाई-सितंबर के दौरान डोमेस्टिक मार्केट में हर कार पर 21,000 रूपए का डिस्काउंट देने से मारूति सुजुकी का प्रॉफिट मार्जिन 20 बीपीएस गिरा है। आईएचएस ऑटोमोटिव के प्रिंसिपल एनालिस्ट (ऑटोमोबाइल) अमित कौशिक ने बताया कि "मजबूत प्रॉफिट मार्जिन बरकरार रखने के लिए अच्छी स्ट्रैटेजी की जरूरत होती है। मौजूदा प्राइस हाइक मार्जिन बरकरार रखने और मुनाफा बढाने की कोशिश है। हाल के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए स्थितियां सुधरने के बावजूद फंडामेंटल्स मुश्किल हैं।" ऑटोमोबाइल कंपनियों की नजर अब एक्साइज ड्यूटी बेनेफिट पर सरकार के रवैये पर टिकी है। ये बेनेफिट दिसंबर में समाप्त हो रहे हैं।