अच्छे मानसून से आर्थिक वृद्धि दर 8% रहेगी
Source : business.khaskhabar.com | Jun 19, 2016 | 

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि देश की आर्थिक वृद्धि अच्छे
मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 8 फीसदी रहेगी। आर्थिक
मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि संसद में वस्तु
एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होने से वृद्धि को बढावा देने वाले
कारोबारी रूझान को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, "हम निश्चित तौर पर 7.6 फीसदी की वृद्धि दर हासिल कर पाएंगे।
अगर मानसून अच्छा रहा, जिसकी हमें इस संबंध में की गई भविष्यवाणी के कारण
उम्मीद है और जीएसटी पारित हो जाए, तो हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष
में आर्थिक वृद्धि दर 8 फीसदी को छू जाएगा।"
वित्त वर्ष 2015-16 में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रही और
फरवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष के लिए 7 से 7.75
फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर की भविष्यवाणी की गई थी। आरबीआई ने 2016-17 में
7.6 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जाहिर किया था।
दास ने कहा कि हालांकि वस्तु एवं सेवा कर अप्रैल 2017 से लागू हो सकता है,
लेकिन संसद में इसे पारित होने से धारणा मजबूत होगी और अर्थव्यवस्था
वास्तविक कारकों और धारणा की ही चीज है। जैसे ही जीएसटी पारित होता है,
कारोबारी माहौल सुधरेगा। इससे कारोबारी धारणा और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
मिलेगा और वास्तव में अर्थव्यवस्था वास्तविक कारकों और रूझान से जुडी है।
उन्होंने कहा, इसलिए धारणा अगर मजबूत होगी और फिर उद्योग और कारोबार भी
जीएसटी के उद्देश्य से अपने कारोबार को नया रूप देना शुरू करेंगे। आपको
गतिविधयों में अचानक काफी तेजी नजर आएगी।
सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक संसद के आगामी
मानसून सत्र में पारित हो जाएगा। उसकी एक अप्रैल से जीएसटी लागू करने की
योजना है, जो उत्पाद शुल्क, सेवा कर और स्थानीय करों को स्वयं में समाहित
करेगा।
याद रहे, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस महीने कहा था कि इस साल बारिश में
कमी की कोई आशंका नहीं है और 96 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य से अधिक
होगी। हालांकि हाल ही में इसने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की धीमी
प्रगति से 1-15 जून तक 22 फीसदी बारिश कम हुई।