पीएफ देनकारी कम रखने वाली कंपनियों की जांच होगी
Source : business.khaskhabar.com | Aug 08, 2014 | 

नई दिल्ली। नियोक्ताओं द्वारा भविष्य निधि (पीएफ) देनदारी कम करने के लिए वेतन को विभिन्न मदों में बांटने जैसी कारगुजारी से निपटने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जांच पडताल शुरू कर दी है। ईपीएफओ ने अपने सभी 120 फील्ड कार्यालयों से ऎसी कंपनियों की जांच करने को कहा है जो अपने कुल वेतन के 50 प्रतिशत अथवा उससे कम पर पीएफ कटौती कर रही हैं। कई नियोक्ता अपनी भविष्य निधि देनदारी कम करने के लिए वेतन को विभिन्न भत्तों में बांट देते हैं। वर्तमान में कर्मचारियों के मूल वेतन पर 12 प्रतिशत की दर से पीएफ काटा जाता है। इतनी ही राशि नियोक्ता को भी कर्मचारी के खाते में डालनी होती है। ईपीएफओ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, "फील्ड कार्यालयों के सभी प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वह ऎसी कंपनियों का निरीक्षण करें जहां कर्मचारियों के कुल वेतन के 50 प्रतिशत अथवा उससे कम राशि पर पीएफ कटौती की जाती है।" ईपीएफओ के इस आदेश के अनुसार इस तरह की कंपनियों की जांच परख का काम 31 अगस्त तक पूरा करने को कहा गया है। ईपीएफओ ने अपने विभिन्न कार्यालयों से इस मामले में 7 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। ईपीएफओ ने इस संबंध में इससे पहले नवंबर 2012 में वेतन आपस में जोडने के लिए अधिसूचना जारी की थी लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। हालांकि, बाद में मूल वेतन के साथ विभिन्न भत्तों को जोडते हुए पीएफ काटने की संभावनाओं पर विचार विमर्श के लिये एक समिति गठित की गई। समिति ने कर्मचारियों के सेवा निवृत्ति संबंधी लाभ की व्यवस्था मजबूत बनाने के इस विचार का समर्थन किया है।