खत्म हो रही क्रिप्टो में लोगों की दिलचस्पी? बड़ी बिकवाली जारी रहने से भारतीय निवेशक सावधान
Source : business.khaskhabar.com | Jun 18, 2022 | 

नई दिल्ली । विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार से पैसा
निकालना जारी रखा है और इसी बीच वैश्विक आर्थिक मंदी के मद्देनजर क्रिप्टो
बाजार और डिजिटल परिसंपत्ति क्षेत्र में बिकवाली भी तेज हो गई है।
कॉइनमार्केटकैप
के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह पूरे क्रिप्टोकरेंसी बाजार से 200 अरब
डॉलर से अधिक का सफाया हो गया और फरवरी 2021 के बाद पहली बार वैश्विक
क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण 1 खरब डॉलर से नीचे गिर गया।
उच्च महंगाई
दर, बढ़ती ब्याज दरों, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के लॉकडाउन जैसे कारकों से
उत्पन्न अस्थिर बाजार स्थितियों के बीच बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की
कीमतों में गिरावट के कारण भारत में पहले से ही डूबते नजर आ रहे
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी भारी बिकवाली देखी जा रही है।
विशेषज्ञों
के अनुसार, भारत में क्रिप्टो निवेशक और व्यापारी वर्तमान में सावधानी बरत
रहे हैं और क्रिप्टो खरीदारी में एक खास गिरावट देखी गई है।
क्रिप्टोकरेंसी
एक्सचेंज वजीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा, भारतीय निवेशक
सतर्क हैं और वेट एंड वॉच (बाजार पर नजर रखते हुए इंतजार) ²ष्टिकोण अपना
रहे हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (बीटीसी)
पिछले साल नवंबर में 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर के बाद से लगभग 70
प्रतिशत गिर चुकी है।
इस सप्ताह यह 20,000 रुपये से 21,000 रुपये प्रति कॉइन के आसपास मंडरा रहा है।
विश्लेषकों के मुताबिक, अगर यही हाल रहा तो इस साल बिटकॉइन की कीमत 14,000 डॉलर तक भी लुढ़क सकती है।
छोटी क्रिप्टोकरेंसी भी गिर गई हैं, जो बिटकॉइन के साथ मिलकर चलती हैं।
दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल टोकन, एथेरियम, 12 प्रतिशत गिरकर 1,045 डॉलर पर आ गया है, जो 15 महीने का नया निचला स्तर है।
वर्तमान गिरावट का मतलब है कि नवंबर 2021 से एथेरियम ने अपने मूल्य का 77 प्रतिशत खो दिया है।
कॉइनटेलीग्राफ के अनुसार, एथेरियम की बिक्री इस सप्ताह फिर से शुरू हुई, इसकी कीमत में जून में एक और 25 प्रतिशत की गिरावट आई है।
हालांकि, ऐसे निराशाजनक परि²श्य में शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप चिंगारी द्वारा भारत का अपना गैरी डिजिटल टोकन लगभग 40 फीसदी बढ़ गया है।
सबसे
तेजी से बढ़ते ब्लॉकचैन सोशल ऐप, चिंगारी ने इस सप्ताह 4 करोड़ मासिक औसत
यूजर्स (एमएयू) को सशक्त बनाने के लिए गारी (जीएआरआई) माइनिंग प्रोग्राम की
घोषणा की, जो अपने प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिएटर्स और यूजर्स को क्रिप्टो की
पेशकश करने वाला दुनिया का पहला सोशल ऐप बन गया है।
चिंगारी और
गारी टोकन के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित घोष ने कहा, यह कार्यक्रम बड़े और
विनम्र क्रिएटर्स के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करेगा। अब, ऐप पर
क्रिएटर्स और यूजर्स गारी टोकन कमा सकते हैं, जिन्हें पैसे के लिए
एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है और क्रिएटर अपनी आय के एकमात्र
स्रोत के रूप में ब्रांड सहयोग की दया पर ही निर्भर नहीं रहेंगे।
इस
बीच, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भाग्य अभी भी अधर में लटका हुआ है और
बहुप्रतीक्षित क्रिप्टो बिल को अभी तक स्पष्ट तौर पर नहीं देखा गया है।
अप्रैल
में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार
के आकार के बारे में अपनी शंकाओं को दोहराया था और सभी देशों के लिए
स्वीकार्य एक नियामक तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि धन को लूटने
और आतंकवाद को निधि देने के लिए इसके उपयोग को रोका जा सके। उन्होंने इस
मुद्दे को चिंताजनक करार दिया था।
परिणामस्वरूप भारत क्रिप्टोकरेंसी
और क्रिप्टो संपत्ति के बीच अंतर करता है और मंत्री ने फरवरी में इन
लेनदेन से आय पर 30 प्रतिशत कर की घोषणा की थी, जिसमें स्रोत पर 1 प्रतिशत
की कटौती शामिल है।
देश अगले साल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपनी डिजिटल मुद्रा रखने की ओर अग्रसर है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगी।
यूनोकॉइन
के सह-संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी
उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और इसलिए इसे लगातार अपडेट करने के लिए
नियमों की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा, अगर हम क्रिप्टो के लिए दिशानिर्देश लाने की कोशिश करते हैं तो यह सफल होने की संभावना नहीं है।
विशेषज्ञों
ने चेतावनी दी है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं, डीआईएफआई (विकेंद्रीकृत
वित्त) प्लेटफॉर्म के निवेशकों को भी इस विशेष प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी
सेवा की लिक्विडिटी के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच सावधानी और जांच करने
की आवश्यकता है।
डेफी प्लेटफॉर्म और सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी
उधारदाताओं में से एक, सेल्सियस नेटवर्क ने चेताते हुए घोषणा की है कि यह
अपने 17 लाख ग्राहकों के लिए सभी निकासी, स्वैप और खातों के बीच हस्तांतरण
को रोक रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े स्वतंत्र वित्तीय सलाहकारों में
से एक, डेवीरे ग्रुप के सीईओ, निगेल ग्रीन ने कहा, व्यापक क्रिप्टो
पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से हिला दिया गया है - बिटकॉइन जैसी वास्तविक
क्रिप्टोकरेंसी द्वारा नहीं, बल्कि डेफी द्वारा।
--आईएएनएस
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