स्टॉक सीमा घटाने के बावजूद गेहूं की कीमतों में नहीं आई गिरावट
Source : business.khaskhabar.com | Dec 16, 2024 | 
केन्द्र सरकार को रोलर फ्लोर मिलों को मिलने वाले गेहूं की मात्रा बढ़ानी होगी - रामबाबू सिंघल की रिपोर्ट -
जयपुर। केन्द्र सरकार द्वारा पिछले दिनों गेहूं की स्टॉक सीमा कम करने के बावजूद गेहूं की कीमतों में कोई गिरावट देखने को नहीं मिली है। गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में गेहूं के लिए लागू भंडारण सीमा में बड़ी कटौती की है। अब कारोबारी पहले की तुलना में गेहूं का स्टॉक कम कर पाएंगे। केन्द्र सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा 2000 टन से घटाकर 1000 टन लागू कर दी है।
इसी प्रकार खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा को 10 टन से घटाकर 5 टन प्रति आउटलेट कर दिया है। प्रोसेसर मासिक स्थापित क्षमता का अब 50 फीसदी अप्रैल 2025 तक ही गेहूं का भंडारण कर सकेंगे। पहले यह सीमा 60 प्रतिशत थी।
भंडारण सीमा 31 मार्च 2025 तक प्रभावी होगी।
ध्यान रहे गेहूं का भंडारण करने वाली सभी संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा का निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण होगा। साथ ही उनके लिए प्रत्येक शुक्रवार को अपने स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना जरूरी होगा। कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं कर पाई या वह स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि सरकार के इस कदम से गेहूं की कीमतों पर कोई उल्लेखनीय असर नहीं पड़ा है। गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए सरकार को इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाना होगा, जो कि वर्तमान में सरकार गेहूं के आयात पर 40 प्रतिशत आयात शुल्क वसूल रही है।
मित्तल ने कहा कि अभी सरकार आटा एवं रोलर फ्लोर मिलों को जो गेहूं एफसीआई के माध्यम से दे रही है। वह भी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। मिलों को सरकार साप्ताहिक टेंडर के माध्यम से जितना गेहूं दे रही है, वह एक दिन में ही खप जाता है। जब तक सरकार इस ओर ध्यान नहीं देगी गेहूं की वर्तमान कीमतों को नहीं घटाया जा सकेगा। जयपुर मंडी में सोमवार को मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव 3020 रुपए प्रति क्विंटल नैट बोले जा रहे थे।
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