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मैं होता तो अप्रत्यक्ष कर घटा देता:चिदंबरम

Source : business.khaskhabar.com | Jan 28, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 chidambaram advocates for reduction in indirect taxesquestions credibility of rbi 164222कोलकाता। नोटबंदी के कारण आम लोगों की परेशानी के मद्देनजर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को सुझाव दिया कि अब कठिनाइयां झेल रहे लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को अप्रत्यक्ष कर की दरों में कमी करनी चाहिए।

चिदंबरम ने कहा,कर कटौती के लिए अप्रत्यक्ष कर सही है। आप सेवाकर, उत्पादकर और सीमा शुल्क में कटौती कर सकते हैं। अप्रत्यक्ष करों में कोई भी कटौती का लाभ लाखों लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा,एक प्रत्यक्ष कर में कटौती का लाभ बहुत कम लोगों यानी 25 से 50 लाख लोगों से ज्यादा लोगों को नहीं मिलेगा। अप्रत्यक्ष कर में कटौती का लाभ देश के करोडों लोगों को मिलेगा और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा,अब आपको इस देश के लोगों की कठिनाइयों और परेशानियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश की आर्थिक विकास दर को कम से कम एक प्रतिशत प्रभावित किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान सरकार को राजकोषीय सुदृढीकरण के पथ पर बने रहना चाहिए। यानी राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत के नीचे रहना चाहिए।

चिदंबरम ने कहा,चालू खाता का घाटा 1 से 1।5 फीसदी के बीच और सीपीआई मुद्रा स्फीति (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रा स्फीति) 5 फीसदी के नीचे रहना चाहिए। राजकोषीय स्थिरता बहुत आवश्यक है। क्या आप राजकोषीय सुदृढीकरण के मार्ग से भटक रहे हैं। उन्होंने कहा,अगर आज मैं देश का वित्तमंत्री होता तो अप्रत्यक्ष करों में कटौती कर दी होती। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि नोटबंदी से निवेश और कर प्रवर्तन विभागों की विस्तृत पहुंच प्रभावित हुई है।

आरबीआई की साख दांव पर...

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी के विचार का समर्थन करते हुए पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी। चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि नोटबंदी ने आरबीआई की साख दांव पर लगा दी है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आरबीआई की स्वायत्तता खत्म हो चुकी है, तो उन्होंने कहा,इस मुद्दे पर इस सवाल का जवाब हां है। चिदंबरम ने कहा,पूरी प्रक्रिया के उलट नोटबंदी की सिफारिश आरबीआई की ओर से होने के बजाय, सरकार ही आरबीआई को नोटबंदी का सुझाव दे रही है।

चिदंबरम ने कहा,सात नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक बुलाई जाती है। क्या इसके लिए लिखित नोटिस जारी किया गया थाक् वे हमें यह नहीं बताएंगे। इस बैठक में कितने लोगों ने हिस्सा लिया, वे यह भी नहीं बताएंगे। क्या बैठक के लिए कोई एजेंडा पत्र तैयार किया गया थाक् क्या बैठक का पूरा ब्योरा तैयार किया गया है, वे नहीं बताएंगे। बैठक कितनी देर चली, वे नहीं बताएंगे।

चिदंबरम ने कहा, मुझे मिली सूचना के अनुसार यह बैठक आधा घंटा चली थी और सरकार को सिफारिशें दी गईं। मंत्रिमंडल सिफारिश का इंतजार कर रहा था। मंत्रिमंडल को कैसे पता कि आरबीआई नोटबंदी की सिफारिश करने वाला है, सब कुछ ऊपर से मिले आदेशानुसार हुआ। चिदंबरम ने आगे कहा, इस मामले में यहां आरबीआई की साख दांव पर लगा दी गई, जैसा कि पूर्व गवर्नर रेड्डी का कहना है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि मेरे कार्यकाल में नोटबंदी की गई होती तो मैं पद से इस्तीफा दे देता। (आईएएनएस)

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