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केयर्न एनर्जी को मिला आयकर विभाग का 10,247 करोड का नया नोटिस

Source : business.khaskhabar.com | Apr 10, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 cairn energy receives fresh notice of rs 10247 cr from it dept 196837नई दिल्ली। आयकर विभाग ने पेट्रोलियम खनन क्षेत्र की ब्रिटेन की दिग्गज कंपनी केयर्न को 15 जून तक 10,247 करोड रुपये कर बकाये का भुगतान करने को कहा है। विभाग ने कंपनी को भेजे नोटिस में 1,400 करोड रुपये ब्याज की भी मांग की है और पूछा है कि उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। आयकर विभाग ने पिछले साल जनवरी में कंपनी को कर आकलन नोटिस भेजा था। उसके आधार पर अब कंपनी को कर की राशि का एक फीसदी यानी हर महीने 100 करोड रुपये के हिसाब से 1,400 करोड रुपये ब्याज भी चुकाने को कहा गया है। यह मामला वर्ष 2006 में केयर्न द्वारा अपनी भारतीय परिसंपत्तियों को नई कंपनी केयर्न इंडिया को हस्तांतरित करने से जुडा है। आयकर विभाग ने आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल (आइटीएटी) का फैसला आने के कुछ ही सप्ताहों के भीतर यह कदम उठाया है। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा था कि विभाग कंपनी से पूंजीगत लाभ पर पिछली तारीख से टैक्स की वसूली कर सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, विभाग ने केयर्न को 15 जून तक बकाया कर का भुगतान करने को कहा है। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू होगी। अब तक कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई है क्योंकि हम निवेश के माहौल को खराब नहीं करना चाहते हैं। लेकिन केयर्न सहयोग नहीं कर रही है।

विभाग ने साथ ही उच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, अगर केयर्न आईटीएटी के आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में जाती है तो अदालत को हमारे पक्ष को सुने बिना कोई आदेश नहीं देना चाहिए। इसलिए हमने हस्तक्षेप याचिका डाली है। केयर्न ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। आयकर विभाग केयर्न पर करीब 300 फीसदी जुर्माना लगा सकता है। अधिकारी ने कहा, समय तेजी से बीत रहा है। हमने केयर्न को नोटिस भेजकर पूछा है कि उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। सितंबर तक हमें जुर्माना लगाना है। यह 300 फीसदी हो सकता है क्योंकि कंपनी सहयोग नहीं कर रही है और न ही नियमों का पालन कर रही है।
केयर्न ने अपने शेयरधारकों को भेजी सूचना में कहा कि आइटीएटी का फैसला आने के बाद 31 मार्च को संशोधित टैक्स डिमांड का नोटिस मिला है। अलबत्ता, टिब्यूनल ने कहा है कि भुगतान में देरी के लिए ब्याज अब फरवरी, 2016 से ही देय होगा। इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी।

पहले आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये के टैक्स पर दस साल के लिए 18,800 करोड रुपये का ब्याज मांगा था। यह टैक्स केयर्न द्वारा केयर्न इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने से हुए पूंजीगत लाभ पर बनता है। अपनी पूंजी पर भारी मुनाफा कमाने के बावजूद ब्रिटिश कंपनी ने भारत में टैक्स अदा नहीं किया। केयर्न ने भी अंतराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन की कार्यवाही के तहत भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर मुआवजा मांगा है। केयर्न ने कहा कि ट्रिब्यूरनल के निर्णय पर अपील किए जाने की संभावना है।
हालांकि आईटीएटी ने कंपनी को 18,800 करोड़ रुपये की ब्याज राशि में राहत दी थी लेकिन आयकर विभाग ने आयकर कानून के एक अन्य नियम के तहत ब्याज की मांग की है। अधिकारी ने कहा, बकाये पर ब्याज की मांग आयकर कानून की धारा 220 (2) के तहत की गई है। केयर्न ने भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर मुआवजा मांगा है। कंपनी का कहना है कि भारत द्वारा करार का उल्लंघन करने से उसे भारी नुकसान हुआ है। पिछले साल विवाद निपटारा योजना के तहत सरकार ने 1 जून से 31 दिसंबर तक एकमुश्त कर निपटान की पेशकश की थी। बाद में इसे 31 जनवरी तक बढाया गया था। लेकिन केयर्न ने इसका इस्तेमाल नहीं किया।

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