बैंकों का फंसा कर्ज मार्च तक 10.5 फीसदी होगा : क्रिसिल
Source : business.khaskhabar.com | Sep 15, 2017 | 

नई दिल्ली। बैंकों का फंसा कर्ज या गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) अगले साल मार्च तक कुल उधार का 10.5 फीसदी तक पहुंच जाएगा, जबकि इस साल मार्च में यह 9.5 फीसदी पर था। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
बैंकिंग प्रणाली 31 मार्च 2017 तक कुल फंसे कर्जो (तनावग्रस्त परिसंपत्यिों) के दो-तिहाई को एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) घोषित कर चुकी है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हाल फिलहाल जिसे एनपीए घोषित किया गया है, उसमें चालू वित्त वर्ष में कमी आने की उम्मीद है। लेकिन पुराने फंसे कर्जों की वजह से तनावग्रस्त परिसंपत्तियों में वृद्धि होगी।’’
क्रिसिल रेटिंग के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सालों से बैंकों के फंसे हुए बड़े कर्जों की वसूली नहीं हो पाई है, जिसे बैंकों ने राइट ऑफ (फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालना) कर दिया। इससे एनपीए में वृद्धि हुई है।’’
ढुलमुल आर्थिक विकास के कारण कई क्षेत्रों में मंदी छाई है, जिससे फंसे कर्जों की वसूली नहीं हो पा रही है।
बैंकिंग प्रणाली के फंसे हुए कर्जे जिन क्षेत्रों में ज्यादा है, उसमें अवसंरचना, बिजली, इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ज्यादातर तनावग्रस्त परिसंपत्तियों को अब एनपीए मान लिया गया है। इसलिए बाकी बचे कर्जे मध्यम अवधि में बैंकों के लिए बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’
क्रिसिल रेटिंग के अध्यक्ष गुरप्रीत चटवाल ने कहा, ‘‘हालांकि एमएसएमई (छोटे, मझोले उद्योग) और कृषि ऋण में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने व ऋण छूट के कारण गिरावट दिख सकती है। लेकिन यह बैंकों की सेहत पर उतना असर नहीं डालेगा, जितना कॉर्पोरेट कंपनियों को दिए गए बैंकों का कर्ज फंसने से हुआ है।’’
क्रिसिल के मुताबिक बैंकिंग प्रणाली का कुल फंसा हुआ कर्ज करीब 11.5 लाख करोड़ रुपये है जो कुल दिए गए उधार का 14 फीसदी है।
(आईएएनएस)
[@ जब अंतरंग पलों के दौरान गर्लफ्रेंड बन गई सांप!]
[@ अघोरी बाबाओं की अघोरी दुनिया]
[@ दूध किसके पहले-किसके बाद नहीं पीएं... ]