ग्रामीण क्षेत्रों में भुगतान बैंकों से बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा
Source : business.khaskhabar.com | Oct 24, 2015 |
वॉशिंगटन। भारत में 11 नए भुगतान बैंकों के चालू होने से देश के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक सेवाओं का विस्तार होने की उम्मीद है। यह बात विश्वबैंक की एक रपट में कही गई है। यहां गुरूवार को जारी रपट में कहा गया है, "भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 11 इकाइयों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी देने के निर्णय से ग्रामीण रेमिटांस बाजार में धन प्रेषित करने की व्यवस्था का कायाकल्प करने में सहायकता मिल सकती है। ये बैंक उन बाजारों के छोटे बचतकर्ताओं (मुख्यत:ग्रामीण बाजारों) के लिए होंगे जहां अभी बैंकिंग सेवाओं की बहुत कमी है।"
विश्वबैंक ने कहा कि इन बैंकों के लिए ऎसे नियम बनाए जाएंगे जिससे उनका जोखिम कम हो लेकिन लिए कारोबार में सावधानी की शतें थोडी हल्की होगी। इन बैंकों को अपने पास जमा राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में ही निवेश करना होगा और वे बडा ऋण, क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम और प्रवासी भारतीयों की जमा स्वीकार करने का कारोबार नहीं कर सकेंगे। विवेकपूर्ण कारोबार के मानदंडों के तहत इस बैंकों के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी करीब 1.5 करोड डॉलर रखी गई है जबकि संपूर्ण सेवा बैंक के लिए इस तरह की पूंजी की न्यूनतम सीमा इसकी पांच गुना रखी गई है।
भुगतान बैंकों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवायसी-मनीलांडरिंग रोधी), आतंकी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण रोधी मानदंड आसान रखे जाएंगे। विश्व बैंक के मुताबिक नई इकाइयों के आने से प्रतिस्पर्धा बढेगी, रेमिटांस (धन प्रेषण) की लागत कम होगी और रेमिटांस के लिए औपचारिक बाजार का विस्तार होग। रिजर्व बैंक ने 11 इकाइयों को भुगतान बैंक के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिडला नूवो, वोडाफोन और एयरटेल शामिल हैं। विश्वबैंक ने कहा कि भारत में आधी आबादी के पास औपचारिक बैंक खाते नहीं है और ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में आस पास बैंकिंग सेवा नहीं है।