अमेज़न 30,000 महिलाओं और युवाओं को लाभ पहुंचाने के लिए उद्यमिता और वित्तीय साक्षरता को देगी बढ़ावा
Source : business.khaskhabar.com | Mar 20, 2025 | 

जयपुर।अमेज़न इंडिया ने 30,000 महिलाओं और युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने और वित्तीय प्रबंधन सीखने में मदद करने के लिए तीन साल के कार्यक्रम, “सक्षमता के लिए उद्यमिता” शुरू करने की घोषणा की है। यह कार्यक्रम आजीविका सहायता संगठन, एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज के सहयोग से चलेगा, जिसके तहत वहनीय आजीविका के लिए नवोन्मेष को उत्पाद का रूप प्रदान करने में मदद की जाएगी। अमेज़न द्वारा सह-निर्मित और वित्तपोषित, यह पहल हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में चलेगी। 20 मार्च, 2025 को गुरुग्राम में लॉन्च कार्यक्रम में विकास विभाग, गुरुग्राम, भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और ग्रामीण विकास एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रुडसेटी) के अधिकारियों सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया, जिन्होंने उद्यमियों के विकास से जुड़े अवसरों और इसकी चुनौतियों पर चर्चा की।
महिला उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य है, संरचित मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से 3,000 उद्यमियों को व्यवसाय विकास प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना। इसके अलावा, कार्यक्रम में स्मार्टफोन के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए 24,000 प्रतिभागियों को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण देने की योजना है, जबकि 22,000 व्यक्तियों को डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस कार्यक्रम के तहत1,200 नए उद्यमों की स्थापना का भी समर्थन किया जाएगा, जिनमें से 80% से अपने तीसरे वर्ष तक 1 लाख रुपये की वार्षिक आय अर्जित कर सकेंगे। इसके तहत 10 मॉडल उद्यम भी विकसित किये जाएंगे, जिनमें से आधे का नेतृत्व महिलाओं के हाथ में होगा, जिनसे सालाना 10 से 25 लाख रुपये का कारोबार होने और नए रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य में इन उद्यमियों के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों किस्म की बिक्री के अवसर पैदा करना भी शामिल होगा।
एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी, श्री विपिन शर्मा ने कहा, "महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना, भारत का आर्थिक लचीलापन बढ़ाने और इसकी 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। अमेज़न के साथ हमारी 'सक्षमता के लिए उद्यमिता' पहल का उद्देश्य है, महत्वपूर्ण अंतराल को पाटना, महिलाओं और युवाओं को कौशल, वित्त और डिजिटल टूल से लैस करना है ताकि वे फलता-फूलता व्यवसाय स्थापित कर सकें। साथ मिलकर, हम महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों की एक नई लहर पैदा कर सकते हैं, वहनीय विकास को बढ़ावा दे सकते हैं, नए अवसर पैदा कर सकते हैं और अपेक्षाकृत अधिक समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देकर कार्यबल भागीदारी, उद्यमशीलता और समग्र आर्थिक विकास की प्रक्रिया (जेंडर डिविडेंड) का दोहन कर सकते हैं।"
अमेज़न लॉजिस्टिक्स इंडिया के उपाध्यक्ष, डॉ. करुणा शंकर पांडे ने कहा, "उद्यमिता आर्थिक विकास का प्रमुख अंग है, और इस पहल के ज़रिये हमारा लक्ष्य है, महिलाओं और युवाओं को उन संसाधनों और कौशलों से लैस करना जिनकी उन्हें वहनीय व्यवसाय तैयार करने में ज़रूरत पड़ती है। इस पहल के ज़रिये हम भारत के उद्यमशील परितंत्र का विस्तार करना, आर्थिक अवसरों को खोलना और 2027 तक हजारों व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं। सामुदायिक स्तर पर बदलाव लाने वाली हमारी इस तरह की पहल उन समुदायों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिन्हें हम सेवा प्रदान करते हैं, डिजिटल और वित्तीय समावेश में मदद करते हैं और उनके लिए दीर्घकालिक अवसर और लाभ भी सुनिश्चित करते हैं।"
इस परियोजना को ज्ञान निर्माण और उद्यम विकास पर ध्यान देते हुए 3 राज्यों (5 से 8 गांवों के समूह) में लागू किया जाएगा और इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
हरियाणा में, यह परियोजना गुड़गांव जिले के फारुखनगर और ताओरू क्षेत्रों में तीन समूहों पर ध्यान केंद्रित करेगी और विशेष रूप से जमालपुर, सेहसोला, बिनोला और भोरा कलां को लक्षित करेगी। इन स्थानों में कृषि उद्यमों, खाद्य विनिर्माण इकाइयों, खुदरा व्यवसायों, हस्तशिल्प और सौंदर्य सेवाओं के विकास की क्षमता है।
उत्तर प्रदेश में, यह पहल दो प्रमुख क्लस्टर - लखनऊ में भौकापुर और उन्नाव में बझेरा पर केंद्रित होगी, जहां बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट इकाइयों, खुदरा दुकानों, परिधान व्यवसायों और खाद्य सेवा प्रतिष्ठानों के साथ-साथ चिकनकारी और टेराकोटा के काम जैसे पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए महत्वपूर्ण गुंजाइश है।
महाराष्ट्र में, यह परियोजना भिवंडी क्षेत्र में तीन क्लस्टर में संचालित होगी। इसके तहत पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे मिट्टी के बर्तन और वर्ली पेंटिंग, पावरलूम इकाइयों, खाद्य निर्माण और सेवा केंद्रित व्यवसायों जैसे ट्यूशन और खान-पान सेवाओं के आसपास व्यवसाय विकसित करने पर ध्यान दिया जाएगा परियोजना के भौगोलिक क्षेत्रों का उद्देश्य है, प्रत्येक क्षेत्र में मौजूदा कौशल और बाज़ार क्षमता का निर्माण करते हुए विविध उद्यमशीलता के अवसरों को पूरा करना।
अमेज़न इंडिया स्थानीय लोगों की बेहतरीन में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सामुदायिक भागीदारी 2014 से शिक्षा और आजीविका से लेकर स्वास्थ्य, पर्यावरणीय वहनीयता और आपदा की स्थिति में पहल तक सभी प्रमुख सामाजिक आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए विकसित हुई है। आज, हम व्यवस्थित, दीर्घकालिक कार्यक्रमों के ज़रिये खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, आजीविका और सहयोगी कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हम गैर सरकारी संगठनों, स्थानीय एम्बेसडरों और सामुदायिक हितधारकों के साथ सहयोग कर स्थायी, सार्थक प्रभाव पैदा करने का प्रयास करते हैं।
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