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महंगे प्याज-दाल के बावजूद महंगाई दर घटी,घटेंगी ब्याज दरें!

Source : business.khaskhabar.com | Sep 14, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 WPI based inflation plunges to historic low despite high prices of onions, pulsesई दिल्ली। दालों और प्याज की कीमत बढने के बावजूद देश की थोक महंगाई दर और उपभोक्ता महंगाई दर अगस्त महीने में घटकर क्रमश:नकारात्मक 4.95 फीसदी और 3.66 फीसदी रही। इससे भारतीय रिजर्व बैंक पर दरों में कटौती का दबाव और बढ गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी क्रमश: थोक महंगाई दर और उपभोक्ता महंगाई दर के आंकडे के मुताबिक, अगस्त में दलहन और प्याज जहां महंगा हुआ है वहीं सब्जियां आम तौर पर सस्ती हुई है। उपभोक्ता महंगाई दर के आंकडों के मुताबिक खाद्य महंगाई दर 2.2 फीसदी रही, जो जुलाई में 2.15 फीसदी थी।

ग्रामीण भारत में उपभोक्ता महंगाई दर 4.35 फीसदी से बढकर 4.47 फीसदी हो गई, जबकि शहरों में 2.94 फीसदी से घटकर 2.67 फीसदी हो गई। थोक महंगाई दर अगस्त में नकारात्मक 4.95 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह दर नकारात्मक 4.05 फीसदी थी। गिरावट में सर्वाधिक योगदान ईंधन मूल्यों में गिरावट का है। एक साल पहले समान अवधि में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी थी। आलोच्य अवधि में प्याज हालांकि 65 फीसदी महंगा हुआ है और दलहन 36 फीसदी महंगा हुआ। अन्य प्रोटीन समृद्ध खाद्य वस्तुओं में दूध 2.08 फीसदी, अंडा, मांस और मछली 3.30 फीसदी महंगा हुआ।

इसी दौरान आलू और सब्जियां क्रमश: 52 फीसदी और 21 फीसदी सस्ती हुई। अनाजों और चावल की कीमत भी घटी। अनाज 1.65 फीसदी और चावल 3.48 फीसदी सस्ता हुआ। समग्र तौर पर खाद्य वस्तु सूचकांक में 1.13 फीसदी गिरावट रही। विनिर्मित उत्पादों की श्रेणी में भी खाद्य वस्तुएं सस्ती हुई हैं और खासकर चीनी इस दौरान 19 फीसदी सस्ती हुई। अगस्त में ईंधन सूचकांक में 16.5 फीसदी गिरावट हुई। इस दौरान पेट्रोल 13.26 फीसदी और डीजल 24.54 फीसदी सस्ता हुआ। रसोई गैस 5.32 फीसदी सस्ता हुआ। उपभोक्ता महंगाई दर के आंक़डे के मुताबिक भी दाल 25.76 फीसदी, मांस और मछली 5.79 फीसदी, दूध और दुग्ध उत्पाद 5.33 फीसदी, मसाले 8.37 फीसदी, तेल एवं वसा 3.06 फीसदी, अंडे 2.30 फीसदी और अनाज 1.22 फीसदी महंगा हुए।

चीनी और मिठाइयां 13.33 फीसदी तथा सब्जियां 3.36 फीसदी सस्ती हुईं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के तहत हालांकि ईंधन और बिजली 5.70 फीसदी महंगी हुई। दोनों ही आंकडों से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दर कटौती किए जाने की संभावना बढी है। रिजर्व बैंक 29 सितंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक करेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, उद्योग नकारात्मक महंगाई की गिरफ्त में है। मूल्य निचले स्तर पर हैं। थोक मूल्य सूचकांक में लगातार दसवें महीने गिरावट दर्ज की गई है। चूंकि उपभोक्ता महंगाई दर में भी गिरावट चल रही है, इसलिए रिजर्व बैंक को मांग बढाने के लिए दर में कटौती करनी चाहिए।

फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्स्त्रा सूरी ने कहा,आरबीआई को विकास पर ध्यान देना चाहिए और नीतिगत दर में बडी कटौती करनी चाहिए। एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, मानसून खराब रहने का असर खाद्य कीमतों पर दिख सकता है। विभिन्न क्षेत्रों में असमान वर्षा के कारण फसल प्रभावित हो सकती है और आने वाले समय में महंगाई बढ सकती है। सरकार को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए योजना तैयार रखनी चाहिए। महंगाई दर में गिरावट से बाजार में तेजी दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 246.49 अंकों की तेजी के साथ 25,856.70 पर बंद हुआ।
(IANS)