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शेयर बाजार में उतार-चढाव के आसार

Source : business.khaskhabar.com | Dec 21, 2014 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Volatility in the stock market is likely toमुंबई। वायदा और विकल्प (एफएंडओ) सौदे की परिपक्वता के कारण अगले सप्ताह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। नवंबर महीने का सौदा बुधवार को परिपक्व होगा, क्योंकि गुरूवार को बाजार क्रिसमस के मौके पर बंद रहेगा। अगले हफ्ते निवेशकों की निगाह मुख्य रूप से संसद के शीतकालीन सत्र के शेष दो सत्र की गतिविधियों, विदेशी संस्थागत निवेश के आंक़डों, वैश्विक बाजारों के रूझान, डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल और तेल मूल्य पर बनी रहेगी। संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से जारी है।
इसका समापन 23 दिसंबर को होना तय है। चालू सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों के पारित होने की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ दो सत्रों के बचे रहने के कारण अब उनके पारित होने की संभावना मामूली रह गई है। चालू सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक के पारित होने की उम्मीद थी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किए जाने को लेकर भी उम्मीद की जा रही थी। सरकार ने हालांकि शुक्रवार को इसे लोकसभा में पेश कर दिया है। निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते कच्चो तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चो तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना प़डता है। रूपये के अवमूल्यन से हालांकि तेल मूल्य गिरावट का फायदा सीमित रह सकता है। निवेशकों की निगाह अगले सप्ताह विमानन कंपनी स्पाइसजेट से संबंधित घटनाक्रमों पर भी टिकी रहेगी। कंपनी की उ़डानें पिछले दिनों तेल कंपनियों द्वारा साख आधार पर तेल देने से इंकार करने के कारण अवरूद्ध हो गई थी।
कंपनी नकदी संकट से जूझ रही है। शुक्रवार को हालांकि कंपनी के पुराने प्रमोटर द्वारा कंपनी में पूंजी निवेश के लिए आगे आने संबंधी खबर के बाद कंपनी के शेयर करीब 20 फीसदी उछाल के साथ ऊपरी सर्किट सीमा पर जा लगे थे। कंपनी पर इसलिए भी खास तौर से निवेशकों की निगाह रहेगी, क्योंकि नकदी संकट के एक अन्य उदाहरण ने विमानन कंपनी किंगफिशर को कुछ साल पहले कारोबार समेटने के लिए मजबूर कर दिया था, जिसके बाद किंगफिशर के शेयर इन दिनों धूल फांक रहे हैं।