ट्राई को डिफरेंशियल प्राइसिंग पर मिले ढेरों सलाह
Source : business.khaskhabar.com | Jan 01, 2016 | 

नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को डिफरेंशियल प्राइसिंग के मुद्दे पर 18.27 लाख सुझाव मिले हैं। यह जानकारी गुरूवार को ट्राई अध्यक्ष आरएस शर्मा ने दी। शर्मा ने कहा कि 8.9 परामर्शदाताओं ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स सेवा का समर्थन किया। उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 23 दिसंबर को इस पर कहा था कि नियामक के दिशानिर्देश के बाद फेसबुक की फ्री बेसिक्स सेवा की लांचिंग रोक दी गई हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस देश में फ्री बेसिक्स सेवा देने वाली अकेली कंपनी है। नियामक ने कहा है कि डिफरेंशियल प्राइसिंग नियम घोषित होने तक फ्री बेसिक्स लांच नहीं किया जाना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि नियम जनवरी के अंत तक घोषित हो सकते हैं। उन्होंने साथ ही यह दुहराया कि ट्राई ने सुझाव मिलने की आखिरी तिथि एक सप्ताह आगे बढ़ाकर 7 जनवरी कर दी है। यह सीमा बुधवार को समाप्त हो रही थी। ट्राई ने नौ दिसंबर को कहा था कि विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा डाटा सेवाओं पर अलग-अलग मूल्य तय करना भेदभाव रहित मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के विरूद्ध है। ट्राई ने इस पर विभिन्न हितधारकों की राय मांगी है। ट्राई ने कहा कि कुछ कंपनियां कुछ खास वेबसाइटों की कुछ खास सामग्रियों, एप्लीकेशनों या प्लेटफार्मो को मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं।
नियामक ने कहा, ""ऎसी योजनाओं के उद्देश्यों के बारे में दावा किया गया है कि कंपनियां उपभोक्ताओं और खासकर गरीब उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर कुछ निश्चित सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराना चाहती हैं।"" नियामक ने कहा, ""एक ओर ऎसा प्रतीत होता है कि कुछ खास सामग्री पर दर घटाने से इंटरनेट उपयोग समग्र तौर पर सस्ता हो जाएगा। दूसरी ओर इसके कई नकारात्मक प्रभाव सामने आएंगे। अलग-अलग मूल्य निर्धारण से सामग्री उपयोग के आधार पर उपभोक्ताओं का वर्गीकरण होगा। यह भेदभाव रहित दर के सिद्धांत के विरूद्ध है।""