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सरकार आज लेगी दूरसंचार कंपनियों की बैठक

Source : business.khaskhabar.com | Apr 27, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Telecommunications companies will be meeting government on todayनई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों के विरूद्ध अधिक बिल भेजने, कॉल ड्रॉप और सेवा की खराब गुणवत्ता की ग्राहकों द्वारा की जा रही शिकायतों के बीच सरकार ने सोमवार को कंपनियों की बैठक बुलाई है, जिसमें समस्या और उसके निराकरण का जायजा लिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक की अध्यक्षता दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग करेंगे। इस विषय पर एक पत्र जारी किया गया है, जिसकी एक प्रति आईएएनएस के भी हाथ लगी। पत्र में कहा गया है, "अधिक बिल भेजे जाने, बिल भेजने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव, कॉल ड्रॉपिंग जैसे मुद्दों पर समीक्षा करने के लिए एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया गया है।"

पत्र में सभी सरकारी और निजी दूरसंचार कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों या अध्यक्षों या प्रबंध निदेशकों से बैठक में आने का आग्रह किया गया है। देश में दूरसंचार उपभोक्ताओं की कुल संख्या 98.7 करो़ड है। कई महीनों से कॉल ड्रॉप और अन्य समस्याओं की शिकायत की जा रही थी। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सरकारी कंपनी भारत संचार निगम के दूरसंचार सिगलों की गुणवत्ता और प्रसार बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अपने मंत्रालय के अधिकारियों को शुक्रवार को अविलंब एक बैठक करने का निर्देश दिया था। अधिकारियों के मुताबिक, प्रसाद चाहते थे कि वे सांसदों के साथ आमने-सामने बैठ कर बात करें, ताकि उनकी जवाबदेही भी बढ़े साथ ही वे समस्या को समझें और उनका संभावित निदान भी ढूंढें।

अधिकारियों ने कहा कि उस बैठक के बाद ऎसी बातचीत का दायरा बढ़ा है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों को कल की बैठक में आमंत्रित किया गया था।" बयान के मुताबिक सांसदों को यह भी संदेह था कि निजी कंपनियां सरकारी कंपनियों के विकास में बाधा पैदा कर रही हैं। बयान के मुताबिक,"प्रसाद ने ऎसी पांच बैठकें करने का निर्देश दिया है, ताकि सांसदों को संबंधित अधिकारियों के सामने मुद्दे उठाने का अवसर हासिल हो सके।"

दूरसंचार विभाग को सरकारी दूरसंचार कंपनी में एक समर्पित प्रकोष्ठ का गठन करने के संभाव्यता पर भी विचार करने का निर्देश दिया गया है, जो सीमा क्षेत्रों और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में नेटवर्क की प्रभाविता पर नजर रखे। सांसदों ने कहा कि सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वे सरकारी कंपनियों को टावर लगाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने में मदद करेंगे और अपने अधिकार क्षेत्र वाले कोष से पैसे भी देंगे।