मौद्रिक समीक्षा:मुख्य दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं
Source : business.khaskhabar.com | Jan 31, 2016 |
मुंबई। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समीक्षा नीति घोषणा पर निवेशकों की निगाह बनी हुई रहेगी। इसके साथ ही तीसरी तिमाही के लिए जारी होने वाले कंपनी के परिणामों, प्रमुख आंक़डों, वैश्विक संकेतों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंक़डों तथा डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल व तेल की कीमतों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
आरबीआई मंगलवार दो फरवरी को 2015-16 के लिए छठी दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। एक दिसंबर को हुई समीक्षा में आरबीआई ने रेपो दर को 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा था। साथ ही अन्य दरों में भी परिवर्तन नहीं किए थे। तीसरी तिमाही के लिए कंपनियों के परिणाम प्रकाशित करने का दौर जारी है।
मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा और विश्लेषकों को मुख्य दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं है। सिटीग्रुप ने एक बयान में कहा,"निकट भविष्य में उपभोक्ता महंगाई बढ़ने के जोखिम और आगामी वर्ष के लिए बजट संबंधी अनिश्चितता के कारण हमें उम्मीद है कि 29 फरवरी को बजट पेश होने से पहले आरबीआई दरों में बदलाव नहीं करेगा।
बयान में यह भी कहा गया है कि बजट पेश होने के बाद मार्च या अप्रैल 2016 में मुख्य दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है। उपभोक्ता महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। दिसंबर 2015 में उपभोक्ता महंगाई दर बढ़कर 5.61 फीसदी दर्ज की गई है, जो इससे एक महीने पहले 5.41 फीसदी थी।उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर खाद्य महंगाई दर भी दिसंबर में बढ़कर 6.4 फीसदी दर्ज की गई, जो एक महीने पहले 6.07 फीसदी थी।
सोमवार को टेक महिंद्रा, मंगलवार को एस्कोर्ट्स, बुधवार को थोमस कुक, गुरूवार को बजाज ऑटो और शुक्रवार को ल्युपिन जैसी कंपनियां अपने परिणामों की घोषणा करेंगी। आगामी सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी। ये कंपनियां एक फरवरी से दिसंबर 2015 में हुई बिक्री के आंक़डे जारी करना शुरू करेंगी। अगले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों पर भी नजर रहेगी। ये कंपनियां हर महीने के मध्य और अंत में गत दो सप्ताह के अंतर्राष्ट्रीय कच्चो तेल मूल्य के आधार पर उपभोक्ता तेल मूल्यों की समीक्षा करती हैं। तेल विपणन कंपनियां हर महीने की आखिरी तारीख को विमान ईधन मूल्यों की भी समीक्षा करती हैं। इसे देखते हुए विमानन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशक नजर बनाए रहेंगे।