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शेयर बाजार : आंकडों पर रहेगी नजर

Source : business.khaskhabar.com | Mar 09, 2014 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Stock market data on the track willमुंबई। शेयर बाजार में आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह कंपनियों के अग्रिम कर भुगतान की चौथी और मौजूदा कारोबारी साल की आखिरी किश्त तथा आर्थिक आंक़डों पर टिकी रहेगी। विदेशी संस्थागत निवेश के निवेश की दिशा, वैश्विक बाजार के रूझानों और डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल भी बाजार की दशा और दिशा को प्रभावित करेगी। कंपनियों के अग्रिम कर भुगतान की चौथी किश्त की आखिरी समय सीमा 15 मार्च 2014 है। निवेशक इससे संबंधित सूचनाओं से मौजूदा कारोबारी साल की चौथी तिमाही में कंपनियों के प्रदर्शन का अनुमान लगाने की कोशिश करेंगे।
 अग्रिम कर चार किश्तों में लिया जाता है- 15 जून तक 15 फीसदी, 15 सितंबर तक 40 फीसदी, 15 दिसंबर तक 75 फीसदी और 15 मार्च तक 100 फीसदी। सरकार बुधवार को जनवरी 2014 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंक़डे जारी करेगी। औद्योगिक उत्पादन में दिसंबर 2013 में 0.6 फीसदी गिरावट रही थी। इससे एक महीने पहले नवंबर में भी इसमें 1.3 फीसदी गिरावट थी। सरकार बुधवार को फरवरी 2014 के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंक़डे जारी करेगी।
 उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित उपभोक्ता महंगाई दर जनवरी 2014 में 8.79 फीसदी दर्ज की गई थी, जो इससे पहले के 24 महीने का निचला स्तर था। सरकार शुक्रवार को फरवरी 2014 के लिए थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक महंगाई दर के आंक़डे जारी करेगी। जनवरी 2014 की थोक महंगाई दर 5.05 फीसदी (अस्थायी) है, जो दिसंबर 2013 में 6.16 फीसदी (अस्थाई) थी। निवेशकों को भारतीय रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा का भी इंतजार रहेगा, जिसकी घोषणा रिजर्व बैंक एक अप्रैल 2014 को करेगा। बैंक ने 28 जनवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद महंगाई का हवाला देते हुए मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर दी थी। निवेशक निवेश का फैसला आगामी लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रख कर लेंगे। लोकसभा चुनाव सात अप्रैल 2014 से 12 मई 2014 के बीच होगा। मतो की गिनती 16 मई को होगी।
मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल एक जून तक है। आचार संहिता लागू हो जाने के कारण सरकार ब़डे नीतिगत फैसले नहीं ले सकती है। लेकिन सरकार आवश्यक फैसले और नियमति अंतराल पर लिए जाने वाले फैसले चुनाव आयुक्त की अनुमति से ले सकती है। निवेशकों का ध्यान अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति निर्मात्री समिति फेडरल ओपेन मार्केट समिति (एफओएमसी) की 18-19 मार्च को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक पर भी रहेगा। 29 जनवरी की समीक्षा में एफओएमसी ने फरवरी महीने से वित्तीय प्रोत्साहन को 10 अरब डॉलर घटाकर प्रतिमाह 65 अरब डॉलर करने का फैसला किया था। फेडरल रिजर्व के मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम के कारण अधिकतर एशियाई और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में पूंजी का प्रवाह बना हुआ है।