स्मार्टफोन एप के विज्ञापनों से निजी आंक़डों को खतरा
Source : business.khaskhabar.com | Feb 25, 2016 | 

न्यूयार्क। एप के अंदर आनेवाले विज्ञापनों से लाखों स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की निजी सूचनाओं और आंक़डों के चोरी होने का खतरा है। खासतौर से विज्ञापन देनेवाले नेटवर्क और एप निर्माताओं की तरफ से सबसे ज्यादा खतरा है। यह जानकारी एक नए अध्ययन से सामने आई है। जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ने 200 से ज्यादा प्रतिभागियों की जांच की, जो अपने एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन में कस्टम-बिल्ट एप का इस्तेमाल करते थे।
इसमें देखा गया कि 92 फीसदी उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन पर 73 फीसदी विज्ञापन उसके जनसांख्यिकी प्रोफाइल के हिसाब से शत-प्रतिशत सही होते थे। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान यह पाया कि एप निर्माता 75 फीसदी शुद्धता के साथ उपयोगकर्ता का लिंग, 66 फीसदी शुद्धता के साथ उसकी वैवाहिक स्थिति और 54 फीसदी शुद्धता के साथ उसकी आयु वर्ग के बारे में बता सकते हैं। इसके अलावा आय, राजनीतिक झुकाव, वैवाहिक स्थिति का भी सही अनुमान लगाया जा सकता है।
यह अध्ययन सेन डियागो, कैलिफोर्निया में आयोजित नेटवर्क एंड डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम सिक्युरिटी सिम्पोजियम-2016 में प्रस्तुत किया गया। प्रोफेसर वेंके ली के निर्देशन में शोधकर्ताओं के दल ने यह अध्ययन किया। शोधदल के प्रमुख वेई मिंग का कहना है, ""मुफ्त स्मार्टफोन एप मुफ्त नहीं होता। ये दरअसल दुर्भावनापूर्ण एप होते हैं, जिसका इस्तेमाल प्रयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाने के लिए किया जाता है। ऎसे एप हमारी निजता के लिए खतरा हैं।"" (आईएएनएस)