रोजवेली निवेशकों का पैसा लौटाए : सेबी
Source : business.khaskhabar.com | Jun 20, 2014 | 

नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रियल एस्टेट तथा भवन निर्माण क्षेत्र की कंपनी रोजवेली को अपनी निवेश योजना (आर्शीवाद) को बंद कर इसके तहत निवेशकों से जुटाई गई राशि तीन महीने में लौटाने का आदेश देते हुए कंपनी के पूंजी बाजार से पैसा जुटाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रोजवेली के अनुसार उसने वर्ष 2010 में "आर्शीवाद" नाम की यह निवेश योजना बंद कर दी थी जिसमें उसने कुल 1274 करोड रूपए जुटाए थे। हालांकि निवेशकों का आरोप है कि उन्हें पैसा नहीं लौटाया गया है। इसी मामले की सुनवाई करते हुए सेबी ने रोजवेली को निवेशकों का पैसा लौटाने के साथ अपनी योजना को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। सेबी ने कंपनी द्वारा दिए गए आंकडों को गलत बताते हुए अपने 21 पन्नों के आदेश में कहा है कि रोजवेली द्वारा अपनी निवेश योजना "आशीर्वाद" के जरिए जुटाई गई राशि एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 के बीच 1358 करोड रूपए से बढकर 2016.32 करोड रूपए हो गई। उसने कहा कि यह योजना "सामूहिक निवेश योजना" के तहत आती है। वहीं राजेवेली के प्रवक्ता ने कहा कि सेबी द्वारा पेश आंकडे गलत हैं। उन्होंने इस फैसले को विशेष अपील प्राधिकरण में चुनौती देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कंपनी ने "आशीर्वाद" के तहत सिर्फ 1274 करोड रूपए जुटाए थे जिसमें से सिर्फ 175 करोड रूपए लौटाए जाने बाकी हैं जबकि शेष राशि निवेशकों को लौटा दी गई है। प्रवक्ता ने कहा कि अब तक किसी निवेशक ने कंपनी के खिलाफ शिकायत नहीं की है। वहीं सेबी ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी एक भी ऎसे कागजात पेश नहीं कर पाई है जिससे निवेशकों को पैसा लौटने की पुष्टि होती हो। सेबी ने तीन महीने के अंदर निवेशकों के पैसे लौटाने के बाद कंपनी से बैंक स्टेटमेंट जमा कराने के लिए भी कहा है जिसमें इसका उल्लेख हो। सेबी के आदेश के अनुसार यदि कंपनी तय समय में निवेशकों का पैसा नहीं लौटाती या आदेश के अन्य पहलुओं का पालन नहीं करती तो कंपनी तथा उसके प्रोमोटरों/निदेशकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय से कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश भी की जाएगी।