बैंकों को दुरस्त रखने का वादा, वित्तीय अनुशासन जरूरी : जेटली
Source : business.khaskhabar.com | Mar 03, 2016 | 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को तनावग्रस्त संपत्ति से जूझ रहे बैंकों की मदद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि बैंकों की वित्तीय स्थिति ठीक रखने के लिए सरकार भी संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने साथ ही कहा कि आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वित्तीय अनुशासन जरूरी है। आम बजट 2016-17 पेश करने के बाद यहां उद्योग संघों फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), भारतीय उद्योग परिसंघ और एसोचैम के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान जेटली ने यह भी कहा कि उन्होंने पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले कर मामलों को निपटान के लिए संवैधानिक व्यवस्था कर दी है।
उद्योग जगत से अपनी मुलाकात में जेटली ने कहा, ""आरबीआई ने मंगलवार की शाम एक अत्यधिक सकारात्मक कदम उठाया, जिससे बैंकों के पुनर्पूजीकरण में और मदद मिलेगी।"" मंत्री ने कहा कि बैंकिंग एक तनावग्रस्त क्षेत्र है और सरकार सरकारी बैंकों को पेशेवर बनाने की कोशिश कर रही है और उनका पुनर्पूजीकरण कर रही है। उन्होंने कहा, ""सरकारी बैंकों की सेहत ठीक रखने के लिए जो भी संसाधन चाहिए, हम देंगे।"" आरबीआई ने मंगलवार को कहा था कि बैंक अब कुछ मामलों में संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन से होने वाले लाभ को मुख्य पूंजी आवश्यकता में दिखा सकेंगे।
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा के रूपांतरण को भी वित्तीय लेखा-जोखा में सामान्य शेयर पूंजी के रूप में दिखाने की अनुमति दे दी और साथ ही विलंबित कर परिसंपत्ति की गणना संबंधी नियम भी ढीले कर दिए। आरबीआई ने कहा कि बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय बैसेल तीन पूंजी मानकों के अनुरूप बनाने के लिए वह बैंकों की नियामकीय पूंजी तय करने में बायलेंस शीट के कुछ मदों के साथ किए जाने वाले व्यवहार में सुधार कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक बासल-3 पूंजी पर्याप्तता अनुपात पर खरा उतरने के लिए 2018 तक सरकारी बैंकों को 2.40 लाख करो़ड रूपये तक की जरूरत होगी। जेटली ने सोमवार को पेश बजट में बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए 25 हजार करो़ड रूपये आवंटित किए हैं। पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले कर (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) मामलों के बारे में उन्होंने कहा, ""मुझे पहले भी उम्मीद थी कि अदालत या न्यायाधिकरण जहां कहीं भी ऎसे मुद्दे लंबित हैं, सुलझा लिए जाएंगे।
लेकिन अब हमारे पास इसे सुलझाने के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था है, इसलिए एक बार फिर से हमने इन मुद्दों को सुलझाने की स्थिति में पहुंचने के लिए एक ब़डा कदम उठाया है।"" जेटली ने कहा, ""सबसे जरूरी चीज है सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने की हमारी इच्छाशक्ति।"" सोमवार को पेश बजट में पिछली तिथि से प्रभावित होने वाले कर की मांग का सामना कर रही कंपनियों को एकमात्र मौका दिया गया है कि यदि वे मूल कर मांग चुका दें, तो उनका ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। ब्रिटिश तेल कंपनी केयर्न एनर्जी से नौ साल पहले केयर इंडिया में कारोबारी संरचना में किए गए बदलाव के लिए 10,247 करो़ड रूपये की मांग की गई है। एक अन्य ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन से 2007 में हचिसन वांपोओ के मोबाइल फोन कारोबार में 11 अरब डॉलर के हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए भी कर की मांग की गई है।
आम बजट 2016-17 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कर संबंधी घोषणा पर उपजे बवाल के बारे में जेटली ने कहा कि इस विषय पर संसद में बहस का जवाब देते हुए वह इस पर आखिरी फैसले की घोषणा करेंगे। जेटली ने कहा, ""संसद में जब बहस होगी, तब मैं सरकार का पक्ष रखूंगा कि इस बारे में क्या फैसला किया गया है।"" भ्रम इस विषय पर है कि सिर्फ एक अप्रैल 2016 के बाद जमा हुए ब्याज पर कर लगेगा या इस तिथि के बाद जमा हुई पूरी राशि पर कर लगेगा। वेतनभोगी वर्ग सोमवार को आम बजट पेश होने के बाद यह समझकर अचंभित और परेशान था कि ईपीएफ से की जाने वाली निकासी के 60 फीसदी कुल हिस्से पर कर लगेगा। इतना ही नहीं, यह पिछली तिथि से प्रभावित होगा। आम बजट 2016-17 पेश करते हुए जेटली ने कहा था कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से निकासी के समय कुल कोष का 40 फीसदी हिस्सा कर मुक्त रहेगा, ताकि यह बचतकर्ताओं के लिए आकर्षक बनी रहे। (IANS)