"मुद्रा बैंक, स्टार्टअप इंडिया से एमएसएमई को संबल मिलेगा"
Source : business.khaskhabar.com | Nov 26, 2015 | 

कोच्चि। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण लेने में कठिनाई का सामना करना प़डता है, लेकिन इस विषय पर एक नई रपट के लेखक के मुताबिक मुद्रा बैंक के खुलने और स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम शुरू होने से यह आसान हो जाएगा। इंस्टीटयूट ऑफ स्मॉल एंटरप्राइज एंड डेवलपमेंट (आईएसईडी) के निदेशक पी.एम. मैथ्यू द्वारा तैयार की गई रपट गुरूवार को भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंद्रा मुंबई के विश्व व्यापार केंद्र में जारी करेंगे।
मैथ्यू ने कहा कि सरकार द्वारा 2015 में उठाए गए मुद्रा बैंक की स्थापना और स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम जैसे कदमों की बदौलत देश में कर्ज का आधार बढ़ा है और खासकर एमएसएमई और अन्य छोटी-छोटी आर्थिक गतिविधियों के लिए कर्ज सुलभ हो गया है। उन्होंने कहा, ""इसका पिरामिड के निचले तल पर चल रहे उद्यमों पर व्यापक असर होगा।"" मैथ्यू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आंक़डों के मुताबिक, 2008 के वित्तीय संकट के बाद बैंकों के बैलेंस शीट में छोटे व्यवसाय को दिए जाने वाले ऋण में 20 फीसदी कमी आई है। इसी दौरान ब़डे व्यवसाय को दिए जाने वाले ऋण में चार फीसदी वृद्धि हुई है। पिछले कुछ वर्षो में अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में एसएमई को दिए जाने वाले ऋण में कमी आई है।
मैथ्यू ने कहा, ""सौभाग्य से भारत में लाभ के मकसद से काम नहीं करने वाले बैंकों, क्राउड फंड जुटाने वालों और अन्य ऑनलाइन कर्जदाताओं ने इस कमी को पूरा किया है। ये कर्जदाता प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए कर्ज लेने वाले की योग्यता का मूल्यांकन कर लेते हैं और कर्ज दे देते हैं, जबकि पारंपरिक कर्जदाता कर्ज देने के लिए सामने नहीं आते हैं।""