किंगफिशर एयरलाइन्स पर 4022 करोड बकाया
Source : business.khaskhabar.com | July 17, 2014 | 

नई दिल्ली। विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस देश की शीर्ष नॉन-परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) साबित हुई है। कंपनी सरकारी बैंक से लिए 4000 करोड रूपए से ज्यादा का कर्ज चुकाने में विफल साबित हुई है। यह स्थिति कर्ज देने वालों की चिंता को बढा रही है। दूसरे नंबर पर विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी है। इस कंपनी पर बैंक का 3200 करोड रूपए का कर्ज है। इसके बाद इंजीनियरिंग फर्म इलेक्ट्रोथर्म इंडिया का नंबर आता है।
यह कंपनी 2600 करोड रूपए के कर्ज तले दबी है। टॉप 50 डिफॉल्टर्स के कुल कर्ज की बात करें तो दिसंबर 2013 तक यह 53000 करोड रूपए था। वित्त मंत्रालय को सौंपे गए ताजा डेटा में यह भी बताया गया है कि इन 50 में से कम से कम 19 कंपनियां ऎसी हैं जिन पर कर्ज 1000 करोड रूपए से ज्यादा का है।
पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने हाल ही वित्त मंत्रालय को नॉन-परफॉर्मिंग ऋण की सूची सौंपी है। सालों से सरकारें डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की बात करती आई है, लेकिन पूरी तरह ऎसा करने में असफल रहने का फायदा कर्जदारों को मिलता आया है।
ताजा डेटा के मुताबिक बैंक केवल 1100 करोड रूपए ही वसूल सके हैं। इसमें से आधा पैसा किंगफिशर एयरलाइंस से आया है। वर्तमान में बैंक्स के पास नॉन-परफॉर्मिंग और रिस्ट्रक्चर्ड असेट्स 6 लाख करोड के लगभग हैं। अगर पूरा 53000 करोड रूपए वसूल लिया जाए तो बैंक अगले पांच साल तक अपने रिसोर्स की जरूरत का एक चौथाई अफोर्ड कर सकेंगे।
टॉप 8 डिफॉल्टर्स इस प्रकार हैं।
कंपनी कर्ज (करोड में)
किंगफिशर एयरलाइंस 4022
विनसम डायमंड 3243
इलेक्ट्रोथर्म इंडिया 2653
कॉर्पोरेट पावर 2487
स्टर्लिंग बायोटेक 2031
फॉरएवर प्रीशियस 1754
के एस ऑयल 1705
जूम डवलपर्स 1419