विकास दर 7.5 फीसदी से अधिक होगी : जेटली
Source : business.khaskhabar.com | Jun 20, 2015 | 

न्यूयार्क। अमेरिका में निवेशकों को रिझाते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा किए जा रहे सुधार से भारत की विकास दर 7-7.5 फीसदी से ऊपर पहुंच सकती है। प्रमुख थिंक टैंक विदेश संबंध परिषद के एक सम्मेलन में जेटली ने गुरूवार को कहा, ""सरकार, आम नागरिक, उद्योग कोई भी 7-7.5 फीसदी विकास दर को लेकर अधिक उत्साहित नहीं है।"" निवेश कंपनी वारबर्ग पिनकस के अध्यक्ष टिमोथी गीथनर के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ""हमने परेशानी वाले सभी क्षेत्रों की पहचान कर ली है। एक-एक कर हम उनका समाधान करते जाएंगे।
उम्मीद है कि हम वहां पहुंच जाएंगे, जहां हम पहुंचना चाहते हैं।"" इससे पहले गुरूवार को ही समाचार पत्र वाल स्ट्रीट जर्नल से उन्होंने कहा, ""भारतीय गाथा को फिर से केंद्र में लाया जा सकता है। पहले हम राडार से गायब होने लगे थे।"" जेटली न्यूयार्क, वाशिंगटन और सैन फ्रांसिस्को की 10 दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान वह निवेशकों और कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मिलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों में हर सप्ताह महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुधार कार्य तेजी से किए जा रहे हैं और काफी कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि कर व्यवस्था सरल करने वाले उपायों को वह संसद से स्वीकृति मिलने की उम्मीद करते हैं।
उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आसान बनान के लिए उनकी सरकार कुछ उदारता अपनाने के लिए तैयार है, ताकि इससे संबंधित विधेयक संसद में तेजी से पारित हो। विदेशी निवेशकों को एमएटी से संबंधित नोटिस भेजे जाने के बारे में उन्होंने कहा कि ऎसे नोटिस 2012 के एक कानून के कारण भेजे जा रहे हैं। इसकी समीक्षा देश का सर्वोच्चा न्यायालय करेगा। जेटली ने कहा, ""फैसला आने पर इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा।"" उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने एक कानून बनाया है, जिसमें कहा गया है कि एमएटी एक अप्रैल, 2015 से विदेशी निवेशकों पर लागू नहीं होगा।
इसी बीच शुक्रवार को अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रथम वर्ष के कार्यकाल के बारे में आम तौर पर निवेशकों की राय सकारात्मक है। परिषद के अध्यक्ष मुकेश अघी ने यहां वित्त मंत्री के स्वागत में आयोजित एक समारोह में कहा, ""पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी की न्यूनतम सरकार, अधिकतम प्रशासन पर निवेशकों की राय सकारात्मक रही है।"" उन्होंने कहा कि परिषद कर संबंधी और भूमि अधिग्रहण संबंधी विधेयकों के पारित होने का बेशब्री से इंतजार कर रही है।