...रिजर्व बैंक कर सकता है ब्याज दरों मे कटौती!
Source : business.khaskhabar.com | Oct 21, 2014 | 

मुंबई। डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त करने के सरकार के फैसले से रिजर्व बैंक को अब समय से पहले ब्याज दरों में कटौती करने की गुंजाइश बढी है। इससे कुल मिलाकर सरकार की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आएगा। एक रिपोर्ट में यह उम्मीद व्यक्त की गई है। सरकार ने गत सप्ताहांत डीजल के दाम बाजार के हवाले कर दिए। इसके साथ ही डीजल के दाम में 3.37 रूपए लीटर की कटौती भी कर दी गई। देश में वाहन ईधन के तौर पर डीजल की सबसे ज्यादा खपत होती है।
इंडिया रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, डीजल के दाम सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने से तेल सब्सिडी का बोझ 15,000 करोड रूपए कम होगा और इससे देश की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल के खुदरा दाम में कटौती होने से मुद्रास्फीति का मुकाबला करने में भी काफी मदद मिलेगी। इससे रिजर्व बैंक को मौद्रिक नीतिगत उपायों में सरलता लाने में पहले से ज्यादा गुंजाइश मिलेगी और यह उम्मीद से पहले दरों में कटौती कर सकता है।
डीजल के दाम में धीमी वृद्धि का दौर सितंबर 2012 से शुरू हुआ और हाल ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम नीचे आने से खुदरा मूल्य में पहले जो नुकसान यानी अंडर रिकवरी थी वह बदलकर लाभ में बदल गई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को अक्टूबर के पहले पखवाडे में डीजल पर 3.56 रूपए लीटर का लाभ होने लगा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 15 अक्टूबर को कच्चे तेल के दाम घटकर 83.85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए थे और डॉलर-रूपए की विनिमय दर इस दौरान 61.10 पर बनी हुई है।