बैंकों को बुरे ऋण से निपटने की नई ताकत मिली : राजन
Source : business.khaskhabar.com | Dec 11, 2015 |
कोलकाता। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) या बुरे ऋण से निपटने की शक्ति दे दी है और अब वह इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने की प्रक्रिया में हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नरों के बोर्ड की बैठक के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा, "गत तीन तिमाहियों में बुरे ऋण से निपटने के लिए सरकारी बैंकों को शक्तिशाली बनाने के उपायों पर काम किया गया।" उन्होंने कहा, "इसकी लगभग पूरी प्रक्रिया तैयार कर ली गई है, जिसमें कर्ज नहीं चुका पाने वाली कंपनी का संपूर्ण अधिग्रहण भी शामिल है।"
राजन ने कहा, "मार्च 2017 तक इसकी पूरी प्रक्रिया तैयार हो जाएगी।" इससे पहले यहां प्रेसीडेंसी युनिवर्सिटी में अपने एक व्याख्यान में राजन ने कंपनियों को सीमा से अधिक कर्ज लेने के खतरे से सावधान किया। राजन ने कहा, "ऋण एक डायनामाइट की तरह है। यह एक ऎसा उपकरण है, जो सही जगह पर ही उपयोगी है, जबकि दूसरी जगह पर खतरनाक है।"
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव अंजुली चिब दुग्गल ने गत महीने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए से निपटने के लिए एक शक्तिशाली समिति बनाने पर विचार कर रही है। सरकारी बैंकों का कुल एनपीए जून 2015 के अंत तक 6.03 फीसदी हो गया था, जो मार्च 2015 के अंत तक 5.20 फीसदी था।
(आईएएनएस)