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त्रिपुरा की बिजली परियोजना 13 वर्षो की कोशिश बाद चालू

Source : business.khaskhabar.com | Dec 27, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 After 13 years of trying on Tripura power projectअगरतला। त्रिपुरा की गैस आधारित बिजली परियोजना 13 साल की मेहनत के बाद चालू हो गई है। इससे 101 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन (नीपको) के महाप्रबंधक (विद्युत) समर रंजन विश्वास ने आईएएनएस से कहा, ""हमने आखिरकार मोहरचक कंबाइंड साइकिल पॉवर प्लांट से 101 मेगावाट बिजली पैदा करना शुरू कर दिया है। पहले हमने गैस टरबाइन (62 मेगावाट) चालू किया और उसके बाद वाष्प टरबाइन (39 मेगावाट) चालू किया।"" विश्वास ने 1,000 करो़ड रूपये (15.1 करो़ड डॉलर) में तैयार हुई इस परियोजना के बारे में कहा, ""प्रायोगिक उत्पादन शुरू करने और जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस परियोजना से एक महीने में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा।"" परियोजना त्रिपुरा से 70 किलोमीटर दक्षिण और बांग्लादेश की सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

विश्वास ने कहा, ""पूरी की पूरी 101 मेगावाट बिजली त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (टीएसईसीएल) को दे दी जाएगी।"" परियोजना की आधारशिला मार्च 2002 में सुरेश प्रभु ने रखी थी। तब वह अटल बिहारी बाजपेयी की केंद्र सरकार में बिजली मंत्री थे। परियोजना को 2005 में पूरा किया जाना था। 2007 में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विविध कारणों से परियोजना को रोक दिया, लेकिन 2010 में त्रिपुरा सरकार के दबाव से इसे फिर से चालू किया गया। विश्वास ने कहा, ""परियोजना की स्थापित क्षमता 500 मेगावाट थी, लेकिन तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने परियोजना को गैस आवंटन करीब आधा घटा दिया, जिसके बाद 2003-04 में इसकी स्थापित क्षमता 280 मेगावाट कर दी गई।""

उन्होंने बताया, ""ओएनजीसी ने एक बार फिर 2008 में गैस आवंटन घटा दिया, जिसके बाद इसकी स्थापित क्षमता फिर एक बार घटाकर 101 मेगावाट कर दी गई। ओएनजीसी द्वारा गैस आपूर्ति में विलंब किए जाने से परियोजना में देरी हुई।"" यह पूर्वोत्तर की तीसरी सबसे ब़डी गैस-आधारित परियोजना है। ओएनजीसी के एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि तकनीकी समस्याओं और नीपको द्वारा गैस लेने में व्यवधान पैदा करने की वजह से परियोजना में देरी हुई। परियोजना की डिजाइन अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी ने तैयार की है और टरबाइन की आपूर्ति भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने की है।