10 में से 9 भारतीय मानते हैं, काम के दौरान भावनाएं साझा करने से उत्पादकता बढ़ती है
Source : business.khaskhabar.com | Jun 28, 2022 |
नई दिल्ली । भारत में 10 में से 9 (87 फीसदी) पेशेवर कामगारों का मानना है
कि काम के दौरान भावनाएं साझा करने से माहौल उत्पादक बनाता है और अपनेपन की
भावना भी बढ़ती है। एक नई लिंक्डइन रिपोर्ट में मंगलवार को यह बात कही गई।
शोध से पता चला है कि भारत में चार में से तीन (76 प्रतिशत) पेशेवर
महामारी के बाद काम पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में अधिक सहज महसूस
करते हैं।
यह बदलाव लिंक्डइन पर भी दिखाई दे रहा है, जिसने मंच पर सार्वजनिक बातचीत में 28 प्रतिशत की वृद्धि देखी है।
लगभग दो-तिहाई (63 प्रतिशत) ने अपने बॉस के सामने रोने की बात स्वीकार की और एक तिहाई (32 प्रतिशत) ने एक से अधिक मौकों पर ऐसा किया।
लिंक्डइन
के इंडिया कंट्री मैनेजर आशुतोष गुप्ता ने कहा, "पिछले दो साल उथल-पुथल
भरे रहे हैं, लेकिन लोगों को यह एहसास भी हुआ है कि वे काम पर एक-दूसरे के
साथ भावनाएं साझा कर और स्पष्टवादी हो सकते हैं।"
हालांकि, भारत में 10 में से सात (70 प्रतिशत) पेशेवरों का मानना है कि काम पर भावनाओं को साझा करने का नुकसान भी है।
भारत में एक चौथाई से अधिक पेशेवर भावनाओं को साझा करने पर कमजोरी पकड़े जाने को लेकर चिंतित रहते हैं।
भारत
में पांच में से चार (79 प्रतिशत) पेशेवर इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं
को अक्सर पुरुषों की तुलना में अधिक आंका जाता है, जब वे काम पर अपनी
भावनाओं को साझा करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी तुलना
में केवल 20 प्रतिशत बूमर (58-60 वर्ष की आयु) काम पर खुद को व्यक्त करने
के साथ अपनी बात आराम साझा करते हैं।
भारत में तीन-चौथाई से अधिक
पेशेवर इस बात से सहमत हैं कि काम के दौरान मजाक करना कार्यालय संस्कृति के
लिए अच्छा है, लेकिन आधे से अधिक (56 प्रतिशत) इसे 'गैर-पेशेवर' मानते
हैं।
इन मिली-जुली भावनाओं के बावजूद भारत में 10 में से नौ पेशेवर
इस बात से सहमत हैं कि हास्य काम में सबसे कम इस्तेमाल किया जाने वाला और
कम आंका गया भाव है।
वास्तव में, पांच में से तीन से अधिक पेशेवर कार्यस्थल पर सामान्य रूप से अधिक हास्य का उपयोग देखना चाहते हैं।
कुल
मिलाकर, दक्षिण भारत के पेशेवर कार्यस्थल पर सबसे अधिक चुटकुले सुनाते हैं
और देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे पेशेवर हैं, जो माहौल को हल्का रखना
पसंद करते हैं।
--आईएएनएस
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