खाद्य प्रसंस्करण में 100 फीसदी FDI से रुकेगी महंगाई : CII
Source : business.khaskhabar.com | Jun 22, 2016 | 

नई दिल्ली। सरकार द्वारा भारत में खाद्य पदार्थों के व्यापार, उत्पादन तथा प्रसंस्करण में 100 फीसदी प्रत्यक्ष निवेश को हरी झंडी देने के बाद उद्योग जगत का मानना है कि इससे खाद्यान्न की बरबादी रुकेगी और मुद्रास्फीति भी काबू में रहेगी। साथ ही यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा।
कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की नेशनल कमेटी ऑन फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के सह अध्यक्ष पिरुज खंबाटा का कहना है कि इस नीति की घोषणा से सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को फायदा होने के साथ ही ‘व्यापार में आसानी’ और ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।
उद्योग संगठन का मानना है कि इस फैसले से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रफ्तार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ ही सप्लाई चेन मैनेजमेंट में भी विशेषज्ञता आएगी।
उद्योग संगठन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘सप्लाई चेन कार्यकुशलता से खाद्य पदार्थों की बरबादी रोकने में मदद मिलेगी, जैसा कि सब्जियों और फलों में देखा जाता है। इससे सरकार को मुद्रास्फीति को काबू में करने में मदद मिलेगी और सरकार ब्याज दरों को कम कर पाएगी। और, अंत में इसका सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होगा।’’
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल और सब्जी उत्पादक देश है। हालांकि देश में कोल्ड स्टोर की सुविधा काफी बहुत सीमित है। इसके कारण किसानों को काफी नुकसान होता है, क्योंकि फल और सब्जियों की गुणवत्ता और मात्रा का भी नुकसान होता है।
इस बयान में आगे कहा गया, ‘‘भारत में उत्पादित या उगाए गए खाद्य उत्पादों के विपणन में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने से किसानों को उनकी फसल की बेहतर कीमत मिल सकेगी, क्योंकि फसल उगाने के बाद होने वाले नुकसान में कमी आएगी। इसके अलावा इससे आपूर्ति ढांचे को भी मजबूती मिलेगी, क्योंकि खुदरा विक्रेताओं द्वारा सीधी खरीद को बढ़ावा मिलेगा।’’
(आईएएनएस)