भारत में 22 हजार टन सोना लेकिन किस काम का!
Source : business.khaskhabar.com | Oct 04, 2014 | 

नई दिल्ली। भारत में 22 हजार टन सोना लेकिन किस काम का! इसका जवाब अब आया है। विश्व स्वर्ण परिषद यानी डब्ल्यूजीसी ने अपने विजन-2020 दस्तावेज में कहा है कि भारत को सोने का इस्तेमाल और निवेश देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, रोजगार सृजन, कौशल विकास और निर्यात एवं राजस्व को बढाने की दिशा में करना चाहिए। डब्ल्यूजीसी ने शनिवार को इंडिया इंटरनेशनल बुलियन समिट में भारतीय स्वर्ण उद्योग के लिए अपने विजन 2020 का खुलासा किया।
डब्ल्यूजीसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि सोने को लेकर हमारी राय यह है कि इसे अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन, कौशल विकास, निर्यात और राजस्व बढाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए जो कि देश की वित्तीय अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत के पास वर्तमान में 22000 टन सोना है जो मंदिरों और लोगों के पास निजी संपत्ति के रूप में है। विजन 2020 का उद्देश्य स्वर्ण उद्योग के लिए उन पहलुओं को रेखांकित करना है जिनकी मदद से बचत की आदत को सोने की मांग के साथ जोडा जा सकता है, रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं और उद्योग को संगठित तरीके से बिना आपूर्ति में कटौती किए और चालू खाता घाटा को प्रभावित किए फायदा पहुंचाया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि अगले पांच सालों में भारत को अपना स्वर्णाभूषणों का निर्यात पांच गुना बढाने पर जोर देना चाहिए। फिलहाल भारत से आठ अरब डॉलर स्वर्णाभूषण का निर्यात किया जाता है। इसे 40 अरब डॉलर करने लक्ष्य होना चाहिए। बयान में यह भी सलाह दी गई कि कौशल विकास और कारीगरों को प्रशिक्षण देने के लिए कारीगर कल्याण योजना चलाई जानी चाहिए। इसके अलावा स्वर्ण पर्यटन और हस्तनिर्मित भारतीय आभूषणों की प्रदर्शनी भी शुरू की जानी चाहिए।