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यूनिटेक के चंद्रा ने की 5 हजार करोड़ रुपये की ठगी, ईडी ने जुटाए सबूत

Source : business.khaskhabar.com | Apr 23, 2022 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 unitech chandra cheated rs 5000 crore ed gathered evidence 512609नई दिल्ली । यूनिटेक ग्रुप के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा फिलहाल अपने भाई अजय के साथ मुंबई की जेल में बंद हैं।
दोनों को 2017 में रियल एस्टेट धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। उन पर गुरुग्राम स्थित एक प्रोजेक्ट के बहाने घर खरीदारों को धोखा देने का आरोप लगा था और तब से वे सलाखों के पीछे हैं।
बाद में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की। ईडी ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली लाया गया और तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। जनवरी में, उन्हें मुंबई जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
संजय की पत्नी प्रीति चंद्रा फिलहाल तिहाड़ जेल के जेल नंबर 6 (महिला वार्ड) में बंद है। उनके पिता रमेश चंद्र तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 में हैं। प्रीति को 2018 में गिरफ्तार किया गया था।
उन पर घर खरीदारों को 5500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने और पूरी राशि को साइप्रस जैसे टैक्स हेवन देश में ले जाने का आरोप है। ईडी इस पैसे को वापस लाने की कोशिश कर रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने फर्म की 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी ने हाल ही में दावा किया था कि प्रीति चंद्रा एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में सक्रिय रूप से शामिल थी, और वह यूएई से काम कर रही थी।
उसके पास डोमिनिकन गणराज्य का पासपोर्ट है, जिसके साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। उसने अप्रैल 2016 में डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता हासिल की।
उसके बच्चे अमेरिकी पासपोर्ट के साथ अमेरिका में रह रहे हैं। प्रीति चंद्रा की गिरफ्तारी से पहले उनके खिलाफ लुकआउट सकरुलर भी जारी किया गया था। उसके पास केमैन आइलैंड्स, मॉरीशस और सिंगापुर में संपत्ति है।
उस पर अपने परिवार के सदस्यों को संदेश भेजने के लिए जेल अधिकारियों का इस्तेमाल करने का भी आरोप है।
12 अक्टूबर को, तिहाड़ जेल के 32 अधिकारियों और यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों के बीच मिलीभगत पायी गयी। आरोप है कि चंद्रा बंधु तिहाड़ जेल के अंदर से जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से कारोबार कर रहे थे।
प्रीति चंद्रा को पांच घंटे के लिए अपनी दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
चंद्रा परिवार द्वारा कथित रूप से ठगे गए तीन हजार घर खरीदारों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने फर्म का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।
--आईएएनएस

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