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खपत कम होने से यूपी में चीनी की अधिकता की आशंका

Source : business.khaskhabar.com | Sep 29, 2022 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 sugar glut feared in up as consumption comes down 526805लखनऊ । उत्तर प्रदेश में चीनी की उच्च उत्पादन लागत इसके निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, जिससे आगामी गन्ना पेराई सत्र में चीनी की भारी मात्रा में बाजार में उपलब्ध होगी। आगामी पेराई सत्र (2022-23) में 100 मीट्रिक टन से अधिक के अनुमानित चीनी उत्पादन के मुकाबले, राज्य की अपनी खपत 40 मीट्रिक टन रहने की संभावना है। अगर राज्य विफल रहता है तो चीनी का एक बड़ा हिस्सा मिलों में जमा हो जाएगा।

चीनी मिलों के अगले महीने से परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। चीनी उत्पादन लागत मुख्य रूप से राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) द्वारा नियंत्रित होती है, जो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल सितंबर में एसएपी को 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, इससे चीनी उत्पादन की लागत करीब 31 रुपये से बढ़कर 35 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

चीनी उद्योग ने अब इथेनॉल के निर्माण के लिए गन्ने के डायवर्जन की मांग की है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पिछले साल स्थिति अपेक्षाकृत उपयुक्त थी जब निर्यात होता था।

इस साल उद्योग आशंकाओं से भरा हुआ है, जबकि केंद्र ने अभी तक अपनी निर्यात नीति की घोषणा नहीं की है।

यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) ने पहले ही गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी को अपना अभ्यावेदन सौंप दिया है, जिसमें उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है।

उद्योग सूत्रों ने कहा कि, चीनी निर्यात नीति की समय पर घोषणा के चलते भारत से एक करोड़ टन चीनी का निर्यात हुआ।

गन्ना विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हम इसका इंतजार कर रहे हैं। यह एक फैसला है जो केंद्र को जल्द लेना चाहिए।

--आईएएनएस

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