प्याज के दाम पर लगी लगाम, आयात भी जोर पकड़ा
Source : business.khaskhabar.com | Oct 27, 2020 | 

नई दिल्ली/मुंबई। प्याज के भंडारण की सीमा निर्धारित होने से आसमान छूते
दाम पर तत्काल लगाम लग गई है, लेकिन उपभोक्ता को सस्ता प्याज तभी मिल
पाएगा, जब घरेलू उत्पाद की आवक बढ़ेगी, क्योंकि आयातित प्याज भी ऊंचे भाव
पर ही आ रहा है। हालांकि, भाव ऊंचा होने से आयात धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा
रहा है। कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में
8000 टन आयातित प्याज भारत पहुंचेगा। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और
विदेशी प्याज के घरेलू बाजार में उतरने से प्याज की महंगाई पर लगाम लगी है
और अगले महीने कीमतों में कुछ और नरमी की उम्मीद की जा रही है, हालांकि
कारोबारी बताते हैं कि विदेशों से जो प्याज आ रहा है उसकी लागत 40 रुपये
प्रति किलो से उपर पड़ रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं को बहुत राहत मिलने की
उम्मीद नहीं है।
मुंबई के कारोबारी और हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस
एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया, "प्याज आयात
की लागत इस समय 40 रुपये प्रति रुपये किलो से उपर आ रही है। इस भाव पर
आयात अभी बढ़ेगा, क्योंकि देश के किसानों को भी फिलहाल आयात से कोई नुकसान
नहीं है। अगर, प्याज का आयात नहीं होता तो दाम और बढ़ जाता क्योंकि घरेलू
आपूर्ति का टोटा बना हुआ है।"
अजित शाह ने बताया, "देशभर में इस समय
अच्छी क्वालिटी के प्याज का थोक भाव करीब 55 रुपये से 65 रुपये प्रति किलो
चल रहा है। अगले महीने के पहले सप्ताह में करीब 8000 टन प्याज विदेशों से
आने वाला है। भारत इस समय ईरान, हॉलैंड, मिश्र और टर्की से प्याज मंगा रहा
है। इसके अलावा, अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते प्याज आ रहा है।"
उधर,
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्याज का भाव उंचा होने से
किसान खेतों से अपनी फसल समय से पहले निकालने लगे हैं जिससे नवंबर में
घरेलू आवक भी बढ़ जाएगी।
एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी
मंडी में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी स्थित कृषि उपज विपणन समिति यानी
एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, "मंगलवार को लगातार तीसरे दिन प्याज का
थोक भाव 12.50 रुपये 35 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रहा। इससे पहले 22
अक्टूबर को आजादपुर मंडी में प्याज का भाव 40 रुपये प्रति किलो तक चला गया
था, लेकिन 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा प्याज भंडारण की सीमा तय करने
के बाद कीमत में थोड़ी नरमी आई है। हालांकि देश की राजधानी दिल्ली और
आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव अभी भी 70 रुपये से 90 रुपये प्रति
किलो है।"
हालांकि, आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन
यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि प्याज के दाम
में नरमी तभी आएगी, जब घरेलू आवक बढ़ेगी। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से
कीमतों में हो रही वृद्धि थम गई है, लेकिन अभी भाव घटा नहीं है। इस समय
आयातित पीला प्याज 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो जबकि लाल प्याज 50
रुपये से 55 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रहा है।"
महाराष्ट्र,
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई प्याज उत्पादक जिलों में भारी
वर्षा के चलते प्याज की खरीफ फसल खराब हो जाने से देश में प्याज की कीमतों
में हो रही वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले 14 सितंबर को प्याज
के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद 23 अक्टूबर को प्याज भंडारण की
सीमा तय कर दी गई। इस सीमा के मुताबिक 31 दिसंबर तक थोक विक्रेता के लिए
अधिकतम 25 टन और खुदरा विक्रेता अधिकतम दो टन प्याज का स्टॉक रखने की इजाजत
दी गई है।
केंद्र सरकार ने कहा कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम,
2020 में यह प्रावधान है कि कुछ खास परिस्थितियों में जब कीमतें सामान्य से
ज्यादा बढ़ जाएं तो सरकार स्टॉक लिमिट लगा सकती है।
केंद्र सरकार
की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्याज की औसत खुदरा कीमतों में 21 अक्टूबर
तक विविधता देखी गई है जो कि पिछले साल की तुलना में 22.12 प्रतिशत (45.33
रूपए से 55.60 रूपए प्रति किलो) और पिछले पांच सालों की तुलना में 114.16
प्रतिशत (25.87 से 55.60 रूपए प्रति किलो) रही है। इस तरह पिछले पांच साल
की कीमतों से तुलना में प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है
और आवश्यक वस्तु अधिनियम के मुताबिक ये कीमतों में वृद्धि को छू गई है।
इसलिए प्याज पर आज से स्टॉक लिमिट लगाई गई है।
इसके अलावा, नेफेड के
पास पड़े बफर स्टॉक से भी प्याज निकाला जा रहा है। नेफेड ने बीते फसल वर्ष
में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक रखा था, लेकिन बताया जा रहा है कि उसमें
से करीब 25 फीसदी प्याज खराब हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के
दूसरे हफ्ते से प्याज को देश की बड़ी मंडियों के साथ-साथ खुदरा वितरण
केंद्रों जैसे सफल, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, टीएएनएचओडीए एवं टीएएनएफईडी
(तमिलनाडु सरकार), और बड़े शहरों में और राज्यों में एनएएफईडी केंद्रों तक
तेजी से पहुंचाया जा रहा है।
प्याज के आयात के लिए निजी आयातकों को
बढ़ावा देने के लिए यह भी तय किया गया कि एमएमटीसी लाल प्याज का आयात
करेगा, ताकि आपूर्ति में आ रही कमी को पूरा किया जा सके। (आईएएनएस)
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