भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में उतार-चढ़ाव: यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट, दो पहिया वाहनों में सुधार
Source : business.khaskhabar.com | Sep 16, 2025 | 
जयपुर। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार ने अगस्त 2025 में मिले-जुले प्रदर्शन का अनुभव किया है। Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जहां एक ओर यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है, वहीं दोपहिया और तिपहिया वाहनों ने सुधार दिखाया है।
यह स्थिति घरेलू बाजार की अनिश्चितता और उपभोक्ताओं की बदलती मानसिकता को दर्शाती है।
अगस्त में, देश में कुल 3,21,840 यात्री वाहन बिके, जो पिछले साल के इसी महीने (3,52,921 यूनिट) की तुलना में 9% की गिरावट है। यह गिरावट चिंता का विषय है, क्योंकि यह देश की आर्थिक सेहत का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट का एक प्रमुख कारण उपभोक्ता का इंतजार करो और देखो वाला रवैया है।
भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता संघ (SIAM) के महानिदेशक राजेश मेनन ने स्पष्ट किया कि ग्राहक जीएसटी दरों में संभावित कटौती और कीमतों में कमी की उम्मीद कर रहे हैं, जिसके कारण वे अपनी खरीद को टाल रहे हैं।
दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट में सुधार
यात्री वाहनों के विपरीत, दोपहिया और तिपहिया वाहनों के सेगमेंट में सकारात्मक वृद्धि देखी गई।
अगस्त में दोपहिया वाहनों की बिक्री 7% बढ़कर 18,33,921 यूनिट हो गई, जो पिछले साल 17,11,662 यूनिट थी। इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि स्कूटर सेगमेंट में हुई, जिसकी बिक्री 13% बढ़कर 6,83,397 यूनिट तक पहुंच गई। यह दर्शाता है कि छोटे और मध्यम वर्ग के उपभोक्ता अभी भी वाहन खरीद में रुचि ले रहे हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां स्कूटर एक सुविधाजनक विकल्प है। इसी तरह, तिपहिया वाहनों की बिक्री में भी 8% की वृद्धि हुई, जो 75,759 इकाई तक पहुंच गई। यह व्यावसायिक और सार्वजनिक परिवहन के लिए इस सेगमेंट की स्थिर मांग को इंगित करता है।
निर्यात बना उम्मीद की किरणः
जहां घरेलू बाजार संघर्ष कर रहा है, वहीं निर्यात के मोर्चे पर भारत ने असाधारण प्रदर्शन किया है। अगस्त में, यात्री वाहनों का निर्यात 24.6% बढ़कर 82,246 यूनिट हो गया, जिसमें कारों का निर्यात 24% बढ़ा। दोपहिया वाहनों का निर्यात 27.6% और तिपहिया वाहनों का निर्यात 48.1% तक बढ़ा। यह मजबूत निर्यात प्रदर्शन वैश्विक बाजार में भारतीय वाहनों की बढ़ती मांग को दर्शाता है और घरेलू मंदी के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मदद करता है।
कुल मिलाकर, अगस्त के आंकड़े एक मिश्रित तस्वीर पेश करते हैं। घरेलू बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन दोपहिया और निर्यात बाजार में आई तेजी एक राहत है। यह स्पष्ट है कि अगर सरकार जल्द ही जीएसटी और कीमतों से जुड़ी नीतियों पर स्पष्टता लाती है, तो आने वाले त्योहारी सीजन में घरेलू बिक्री में एक मजबूत उछाल देखने को मिल सकता है।
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